JP hospital case
JP hospital case: भोपाल। राजधानी भोपाल के जिला अस्पताल जेपी में रविवार को हुई एक प्रसूता और उसके बच्चे की मौत के मामले में अस्पताल प्रबंधन की ओर से बनाई गयी जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट बनाकर अस्पताल अधीक्षक डॉ. राकेश श्रीवास्तव को सौंप दी है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक महिला के प्रसव के लिए जो संभावित तारीख डॉक्टर ने दी थी परिजन उस तारीख के निकल जाने के बाद महिला को अस्पताल लेकर पहुंचे थे। डॉक्टरों ने यह गलती की थी कि महिला का शनिवार को ऑपरेशन किया जाना था पर डॉक्टर्स नॉर्मल डिलेवरी का इंतजार करते रहे, जिसके चलते बच्चे की गर्भ में ही मौत हो गयी।
ये भी पढ़े- Gwalior Urban Body Election : केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कई समाजों की ले रहे बैठक…
JP hospital case: नॉर्मल डिलेवरी होने के बाद गर्भ से निकले मृत बच्चे के साथ महिला की भी हालत बिगड़ गयी और रविवार को उसकी भी मौत हो गयी, जबकि परिजन डॉक्टर से सर्जरी की मांग कर रहे थे। जिसके बाद जांच समिति ने 6 डॉक्टर्स और 13 नर्सों के बयान के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार की है। हालांकि, समिति ने महिला के परिजनों के बयान तक नहीं लिए।
ये भी पढ़े- व्हाइट गुड्स के लिए पीएलआई योजना के तहत 15 और फर्मों का चयन
JP hospital case: डॉक्टर और नर्सों के हुए बयान की रिपोर्ट को आज हेल्थ कमिश्नर डॉ. सुदाम खाड़े को सौंपा जाएगा। वहीं इस पूरे मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है। मानवाधिकार आयोग ने अस्पताल अधीक्षक और हेल्थ कमिश्नर से इस पूरे मामले पर 3 सप्ताह में रिपोर्ट तैयार कर जबाव मांगा है।
ये भी पढ़े- जी-7 समूह के देशों ने यूक्रेन की मदद करने का संकल्प लिया
JP hospital case: चंचल की मौत की खबर जैसे ही अस्पताल प्रबंधन को मिली तत्काल सभी अधिकारी आ गए। प्रथम दृष्टया यह कयास लगाए जा रहे हैं कि चंचल के पेट में ही बच्चे की मौत हो गई थी, जिसका जहर फैलने से बाद में चंचल की भी मौत हो गई। यदि शनिवार को ही आपरेशन किया जाता तो गर्भवती की जान बचाई जा सकती थी।