Eid Al Fitr 2025: आज ईद का मुबारक त्योहार, मस्जिदों में सुबह 7.30 बजे पढ़ी जाएगी ईद की नमाज

आज ईद का मुबारक त्योहार..Eid Al Fitr 2025: Today is the auspicious festival of Eid, Eid prayers will be offered in mosques at 7.30 am

Eid Al Fitr 2025 | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • ईद का मुबारक त्यौहार आज,
  • मस्जिद में सामूहिक नमाज के बाद मनेगा त्यौहार,
  • सुबह 7.30 बजे पढ़ी जाएगी ईद की नमाज,

भोपाल: Eid Al Fitr 2025:  पूरे देश की तरह मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भी ईद का पावन त्योहार आज धूमधाम से मनाया जा रहा है। रमज़ान के मुबारक महीने के बाद यह दिन खुशियों, भाईचारे और इंसानियत का संदेश लेकर आता है।

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Eid Al Fitr 2025:  सुबह से ही शहर की मस्जिदों में ईद की तैयारियां जोरों पर हैं। ईदगाह और मस्जिदों में हजारों की संख्या में मुस्लिम नमाजी एकत्रित होंगे और सामूहिक नमाज अदा करेंगे। राजधानी भोपाल में सुबह 7:30 बजे ईद की विशेष नमाज अदा की जाएगी, जिसके बाद लोगों में गले मिलकर एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद देने का सिलसिला शुरू होगा।

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ईद की खुशियों का जश्न

Eid Al Fitr 2025:  ईद का त्योहार केवल खुद की खुशी तक सीमित नहीं रहता बल्कि यह जरूरतमंदों की मदद, गरीबों में खुशी बांटने और सभी के साथ मिलकर भाईचारे को बढ़ाने का भी प्रतीक है। इस दिन मीठी सिवइयों की मिठास से रिश्तों में नई गर्माहट आती है और हर कोई एक-दूसरे के लिए खुशहाली और सलामती की दुआ करता है।

भोपाल में ईद की नमाज कब और कहां होगी?

राजधानी भोपाल में ईद की नमाज सुबह 7:30 बजे अदा की जाएगी। प्रमुख नमाज स्थलों में ईदगाह और शहर की प्रमुख मस्जिदें शामिल हैं।

क्या ईद की नमाज के बाद कोई विशेष परंपरा निभाई जाती है?

हां, नमाज के बाद मुस्लिम भाई एक-दूसरे से गले मिलकर "ईद मुबारक" कहते हैं, गिले-शिकवे भुलाकर आपसी भाईचारे को मजबूत करते हैं।

ईद के दिन कौन-कौन से पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं?

इस खास मौके पर घरों में शीरखुर्मा, मीठी सिवइयां, कबाब, बिरयानी और कई पारंपरिक पकवान बनाए जाते हैं।

ईद का असली संदेश क्या है?

ईद सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि इंसानियत, दया, प्रेम और भाईचारे का संदेश देती है। यह हमें जरूरतमंदों की मदद करने और सभी को अपनी खुशियों में शामिल करने की प्रेरणा देती है।

क्या ईद पर कोई खास सामाजिक पहल की जाती है?

हां, ईद के दिन ज़कात और फितरा के जरिए गरीबों और बेसहारा लोगों की मदद की जाती है, ताकि वे भी इस त्योहार की खुशियों में शामिल हो सकें।