भोपाल । मध्यप्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी जारी है, लेकिन उत्पादन के अनुसार मूंग खरीदी का लक्ष्य काफी कम है । प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल ने केंद्र सरकार से मूंग खरीदी 25% से बढ़ाकर 40 % लक्ष्य करने का आग्रह किया है। IBC24 से ख़ास बातचीत में कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि समर्थन मूल्य पर चना,सरसों,मसूर ,मूंग खरीदी जाती है तिलहन खरीदा जाता है। नियम के अनुसार यह उत्पादन का 25 % भारत सरकार ताकि उसका मूल्य किसान को अच्छा मिल सके, 25 फीसदी के हिसाब से भारत सरकार ने मूंग खरीदी की हमें अभी 2 लाख 40 हजार मिट्रिक टन खरीदी की अनुमति थी, अभी तक हम एक लाख दस हजार मीट्रिक टन मूंग खरीद चुके हैं, अभी15 सितंबर तक एक लाख पांच हजार मीट्रिक टन मूंग और खरीदना है। कृषि मंत्री ने कहा कि उसके बावजूद भी अगर मूंग रह जाती है तो हम किसानों का पूरा मूंग खरीदेगी।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि हम केंद्र सरकार से अनुरोध करेंगे कि मूंग 25% की जगह 40 % खरीदा जाए, जिससे हमारे किसानों से पूरी खरीदी हो जाएगी। कमल पटेल ने कहा कि उसके बावजूद भी प्रदेश सरकार भी मुख्यमंत्री जी निवेदन करूंगा कि अगर ये पूरा होने के बाद किसानों का मूंग रह जाता है तो समर्थन मूल्य दिलाने के लिए मुंह के भाव अच्छे रखने के लिए प्रदेश सरकार भी खरीदी करेगी। किसान भाई चिंता न करे सरकार एक एक दाना खरीदेगी।
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प्रदेश के 3,16,892 किसानों ने 8.16 लाख हैक्टेयर का 12 लाख मीट्रिक टन मूंग उपार्जन का पंजीयन करवाया है। केंद्र सरकार से मूंग का कुल 2.40 लाख मीट्रिक टन उपार्जन लक्ष्य मिला है । वहीं सरकार ने 15 जून से 15 सितंबर तक के लिए 90 दिनों के लिए मूंग की खरीदी शुरू की है। प्रदेश सरकार की केंद्र से मांग है कि ग्रीष्मकालीन मूंग के लिए 05 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त का लक्ष्य निर्धारित किया जाए, यानी 40 % मूंग खरीदी जाए, ग्रीष्मक़ालीन मूंग का क्षेत्र 4 लाख 50 हजार हेक्टयेर है, करीब 2 लाख 60 हजार हेक्टेयेर क्षेत्र में बुआई अकेले नर्मदापुरम संभाग के होशंगाबाद,हरदा जिले में हुई है। यह कुल बुआई का 55 फीसदी है। नर्मदापुरम संभाग के अलावा में नरसिंहपुर, सीहोर, रायसेन, देवास, खंडवा, जबलपुर जिलों में भी ग्रीष्मकालीन मूंग लगाई गई है।