IBC24 Janjatiya Pragya/ Image Source: IBC24
भोपाल: IBC24 Janjatiya Pragya मध्यप्रदेश सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर IBC24 द्वारा आयोजित विशेष कार्यक्रम “जनजातीय प्रज्ञा” का आगाज़ हो चुका है।जिसकी शुरूआत दोपहर दो बजे से हो चुकी है, राजधानी भोपाल में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में राज्य सरकार की जनहितैषी योजनाओं और उपलब्धियों पर संवाद के साथ जनजातीय समाज के लिए चलाई जा रही योजनाओं पर विमर्श किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव समेत प्रदेश की कई बड़ी शख्सियत IBC24 के मंच पर भविष्य का रोड मैप बताएंगे।
IBC24 Janjatiya Pragya इसी कड़ी में IBC24 के मंच पर मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि श्रम कानून का जनजातीय से सीधा संबंध भी है। अभी ये जो आज का कानून पारित हुआ पहले तो प्रधानमंत्री जी ने जो 29 कानून थे उनको चार वॉल्यूम में कर दिया। अब राज्य सरकारों को अपनी उन छोटी-मोटी चीजों को ठीक करने की जरूरत है। तो जो मध्य प्रदेश दुकान स्थापना अधिनियम है उसका द्वितीय संशोधन विधेयक 2025 आज चर्चा के लिए था और आज पारित करने के बाद ही मैं आपके कार्यक्रम में आया हूं।
जब कभी दुनिया बदल गई है, तकनीक आ गई है, देश की आर्थिक व्यवस्था बहुत ऊंचाइयों पर चली गई है तो हमें जो संशोधन करने चाहिए वो समय के साथ करने चाहिए। ऑनलाइन उसमें नहीं था जो हमारा एक्ट था उसमें ऑनलाइन शब्द जैसा कहीं था नहीं। लेकिन ऑनलाइन पंजीयन अगर आपको करना है तो आपको संशोधन लेकर आना पड़ेगा। उसके भीतर भी तीन बातें उसमें बड़ी स्पष्ट है। यदि आप पंजीयन करते हैं तो ऑनलाइन पंजीयन कर सकते हैं।
IBC24 Janjatiya Pragya उसमें आधार भी मांगा गया है। सामग्री भी मांगा गया है। आपकी आइडेंटिटी मांगी गई है। अगर आपने किसी के साथ जॉइंट बेंचर किया है तो उसमें डीड मांगी गई है ताकि आप फर्जीवाड़ा नहीं कर सकें। जितने आस्पेक्ट हो सकते हैं पंजीयन के ताकि उसकी पहचान छुपे ना वो सारे के सारे उसमें हैं। लेकिन यदि आप चाहते हो कि मेरा टाइटल मेरे भाई को देना है तो आपको किसी के दरवाजे पर जाने की जरूरत नहीं है। ऑनलाइन आप अपना टाइटल या पार्टनर बदल सकते हो।
फिर उसके बाद में अगर आपको बंद करना है दुकान तो आपके क्लोज़र का भी उसमें ऑप्शन है। आप उसको बंद खत्म कर सकते हो। फिर जो भी दुकानदार है वह दुकानें खोलता है। अब उसके पास में अगर 20 से कम कर्मचारी उसके दुकान में है तो एक प्रतिबंध डाला गया है कि कोई भी श्रम अधिकारी हमारे श्रम आयुक्त की अनुमति के बगैर वहां नहीं जा सकता।
IBC24 Janjatiya Pragya मध्य प्रदेश में 2021 से एक बाकायदा सिस्टम हमारा बना हुआ है कि अधिकारी को अगर किसी फैक्ट्री में, किसी दुकान में अगर रेट जाना है जांच करने के लिए तो वो रैंडम एक्सपीरियंस के लिए एक सिस्टम बना हुआ है। अधिकारी को सुबह पता चलेगा कि आपको यहां पर जाना है। वो मन से नहीं जा सकता। लेकिन उस सबके बावजूद भी इस कानून में हमने इसको स्पष्ट किया है। अगर बाल श्रम है तो धारा 12 उसकी जस्कीता से उसमें हमने कोई अमेंडमेंट नहीं किया है। आप बाल श्रमिक को अपने नहीं रख सकते हैं। ये उसमें तय हुआ है। ऐसी चीजें हैं और जहां तक महिला और पुरुष के वेतन में एक झंझट होती थी। उसको एकरूप भारत सरकार ने कर दिया है। यहां पर वह अप्लाई हो गया है। 24 घंटे तक महिला काम कर सकती है। यह मध्य प्रदेश में कानून में संशोधन हो गया है।
IBC24 Janjatiya Pragya मुझे लगता है कि दुकान की स्थापना में हम जो छोटे-मोटे गति अवरोध देखते थे कि कोई भी जाकर डंडा पटकेगा। बताओ यह कागज बताओ। ये सारा का सारा बंद हो गया है। देश जिस तेजी के साथ अर्थव्यवस्था देश की बढ़ रही है। हमें एक दूसरे को दुश्मन नहीं मानना होगा। उस पर भरोसा करना होगा। जो सेल परचेस्टेशन का अधिकार भारत की सरकार ने दिया है तो फिर किसी दुकानदार को यह अधिकार क्यों नहीं होना चाहिए और इसलिए मुझे लगता है कि जो अफसरशाही का या इंस्पेक्टर राज्य का जो ढर्रा चलता था उसको समाप्त करने का काम इस कानून के तहत हुआ है और जिसने भी रिपील करने के जितने भी चाहे जुर्माने हो या बाकी चीजें हो उनको हमने रिपील किया है और मैं गर्व करता हूं कि 23 कंपोनेंट भारत सरकार के थे मध्य प्रदेश 23 के 23 पैरामीटर में अपने काम कर चुका है और आज उसका आखिरी शायद जब वो था तो आज पूरा किया।