MP Latest News: नई दिशा की ओर आगे बढ़ रहा मध्यप्रदेश, GIS भोपाल से ग्लोबल हुआ प्रदेश का स्टार्ट-अप इको सिस्टम, सीएम ने कही ये बात

MP Latest News: नई दिशा की ओर आगे बढ़ रहा मध्यप्रदेश, GIS भोपाल से ग्लोबल हुआ प्रदेश का स्टार्ट-अप इको सिस्टम, सीएम ने कही ये बात |

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  • Publish Date - March 6, 2025 / 10:08 AM IST,
    Updated On - March 6, 2025 / 10:08 AM IST

MP Latest News | Source : MPDPR

HIGHLIGHTS
  • जीआईएस-भोपाल में आयोजित 'फ्यूचर-फ्रंटियर : स्टार्ट-अप पिचिंग' सेशन में 47 स्टार्ट-अप्स को निवेश के लिए अभिरुचि मिली।
  • मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के अनुसार, मध्यप्रदेश का लक्ष्य राज्य को "स्टार्ट-अप और नवाचार का केंद्र" बनाना है।
  • जीआईएस भोपाल से ग्लोबल हुआ प्रदेश का स्टार्ट-अप इको सिस्टम : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल। MP Latest News: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जीआईएस-भोपाल में देश के औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विज़न पर काम करते हुए मध्यप्रदेश भी तेजी के साथ एक मजबूत स्टार्ट-अप हब के रूप में उभर रहा है। प्रदेश सरकार नवाचार, उद्यमिता और रोजगार सृजन को प्राथमिकता देते हुए युवा उद्यमियों की आकांक्षाओं के अनुकूल स्टार्ट-अप कल्चर को विकसित करने की दिशा में प्रभावी रणनीति अपना रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारा प्रयास मध्यप्रदेश को “स्टार्ट-अप और नवाचार का केंद्र” बनाना है, जहां युवा उद्यमियों के आइडियाज को सफल व्यवसायों में बदलने के लिए अनुकूल माहौल और पूरा सहयोग मिले। जीआईएस-भोपाल में आयोजित ‘फ्यूचर-फ्रंटियर : स्टार्ट-अप पिचिंग’ सेशन नें प्रदेश के स्टार्ट-अप्स इकोसिस्टम को पंख दे कर ग्लोबल बना दिया है।

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आधुनिक तकनीक के इस युग में देश के स्टार्ट-अप जगत में मध्यप्रदेश बहुत तेजी से अपनी उपस्थिति दर्ज चुका है। जीआईएस-भोपाल में 20 से अधिक यूनिकॉर्न के संस्थापकों की उपस्थिति इस बात का प्रमाण है। स्टार्ट-अप पर फोकस्ड सेशन ‘फ्यूचर-फ्रंटियर : स्टार्ट-अप पिचिंग’ में शामिल होने के लिए कुल 180 स्टार्ट-अप्स ने पंजीकरण कराया था। इनमें से 25 हाईली पोटेंशियल स्टार्ट-अप्स ने प्रस्तुतियां दीं। प्रस्तुतियों के विश्लेषण के बाद उन्हें जरूरी मार्गदर्शन और निवेश के अवसर भी मिले। इस सेशन में कुल 47 स्टार्ट-अप शामिल हुए थे। इनमें से 19 स्टार्ट-अप्स को एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट प्राप्त हुए। आईआईसीई ने 4 स्टार्ट-अप्स में रुचि दिखाई, एसजीएसआईटीएस ने 3 स्टार्ट-अप्स में, सिल्वर नीडल वेंचर्स ने 3 स्टार्ट-अप्स में, आईटीआई ग्रोथ ने 3 स्टार्ट-अप्स में, ईज़ीसीड ने 7 स्टार्ट-अप्स में, सीफंड ने 3 स्टार्ट-अप्स में, वेंचर कैटालिस्ट्स ने 10 स्टार्ट-अप्स में, वीएएसपीएल इनिशिएटिव्स ने 4 स्टार्ट-अप्स में, एआईस-आरएनटीयू ने 5 स्टार्ट-अप्स में तथा इक्वैनिमिटी इन्वेस्टमेंट्स ने 5 स्टार्ट-अप्स में निवेश की अभिरुचि प्रदर्शित की।

स्टार्ट-अप्स को मिल रही है वित्तीय सहायता और प्रोत्साहन

मध्यप्रदेश में स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिये महिलाओं, अनुसूचित जाति, जनजाति के उद्यमियों के स्टार्ट-अप्स को पहले निवेश पर 18 फीसदी, अधिकतम 18 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता मिल रही है। अन्य स्टार्ट-अप्स को पहले निवेश पर 15 प्रतिशत सहायता, अधिकतम 15 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया है। इसके साथ इन्क्यूबेटर विस्तार के लिए 5 लाख रुपये का एक मुश्त अनुदान, स्टार्ट-अप्स के ऑफिस किराए में 50 फीसदी राशि की वापसी (तीन वर्षों तक प्रतिमाह 5,000 रुपये) की भी व्यवस्था की गई है। नीति में पेटेंट कराने पर 5 लाख रुपये तक की सहायता और पेटेंट फाइल करने की प्रक्रिया में आवश्यक सहायता का भी प्रावधान किया गया है।

महिला उद्यमियों के स्टार्ट-अप्स को विशेष प्रोत्साहन

मध्यप्रदेश में इस समय 4,900 से अधिक स्टार्ट-अप संचालित हो रहे हैं। इनमें से करीब 44 प्रतिशत स्टार्ट-अप्स महिलाओं द्वारा संचालित हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारा लक्ष्य ‘स्टार्ट-अप इंडिया’ के तहत पंजीकृत स्टार्ट-अप्स की संख्या को 100 प्रतिशत तक बढ़ाना और कृषि एवं खाद्य क्षेत्र में स्टार्ट-अप्स को 200 प्रतिशत तक बढ़ावा देना है। इसके लिए प्रदेश में 72 इनक्यूबेटर कार्यरत हैं और उत्पाद-आधारित स्टार्ट-अप्स को बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य सरकार की स्टार्ट-अप नीति और क्रियान्वयन योजना के अंतर्गत स्टार्ट-अप्स को वित्तीय मदद, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में सहायता और नीतिगत मदद मुहैया कराई जा रही है। नई स्टार्ट-अप नीति के तहत वित्तीय अनुदान के पात्र स्टार्ट-अप्स को कुल निवेश का 18 फीसदी (अधिकतम 18 लाख रुपये) का अनुदान दिया जा रहा है। नई नीति में वित्तीय प्रोत्साहन, अधोसंरचना सहायता और क्षमता निर्माण कार्यक्रम शामिल हैं।

मध्यप्रदेश में स्टार्ट-अप्स को किस प्रकार की सहायता मिल रही है?

महिलाओं, अनुसूचित जाति और जनजाति के उद्यमियों को पहले निवेश पर 18% तक वित्तीय सहायता दी जा रही है, जबकि अन्य स्टार्ट-अप्स को 15% वित्तीय सहायता प्राप्त हो रही है। इसके अतिरिक्त, इन्क्यूबेटर विस्तार के लिए 5 लाख रुपये का अनुदान और कार्यालय किराए में 50% की राशि वापसी की व्यवस्था है।

मध्यप्रदेश में स्टार्ट-अप्स को किस प्रकार के निवेश के अवसर मिल रहे हैं?

जीआईएस-भोपाल में आयोजित 'फ्यूचर-फ्रंटियर : स्टार्ट-अप पिचिंग' सेशन में 47 स्टार्ट-अप्स को निवेश के लिए अभिरुचि मिली, जिसमें विभिन्न निवेशकों ने रुचि दिखाई, जैसे आईआईसीई, सिल्वर नीडल वेंचर्स, वेंचर कैटालिस्ट्स और अन्य ने स्टार्ट-अप्स में निवेश की इच्छा व्यक्त की।

मध्यप्रदेश सरकार का स्टार्ट-अप्स को लेकर क्या विज़न है?

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के अनुसार, मध्यप्रदेश का लक्ष्य राज्य को "स्टार्ट-अप और नवाचार का केंद्र" बनाना है, जहां युवा उद्यमियों के विचारों को सफल व्यवसायों में बदलने के लिए अनुकूल माहौल और पूर्ण सहयोग मिल सके।

मध्यप्रदेश में स्टार्ट-अप्स के लिए सरकार द्वारा क्या प्रोत्साहन योजनाएं हैं?

सरकार महिलाओं और अनुसूचित जाति, जनजाति के उद्यमियों के स्टार्ट-अप्स को अधिक वित्तीय सहायता देने के साथ-साथ पेटेंट कराने के लिए 5 लाख रुपये तक की सहायता और कार्यालय किराए में छूट की सुविधा भी प्रदान कर रही है।