Mohan Cabinet ke faisle: मुठभेड़ में शहीद हुए पुलिस निरीक्षक को लेकर मोहन कैबिनेट ने लिया बड़ा फैसला, परिजन को नौकरी समेत इतने रुपए देने को मंजूरी

Mohan Cabinet decisions: पुलिस-नक्सल मुठभेड़ में 19 नवम्बर 2025 को वीरगति को प्राप्त हुए निरीक्षक (विशेष सशस्त्र बल) आशीष शर्मा, हॉक फोर्स बालाघाट के परिजन को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता की स्वीकृति प्रदान की गयी है।

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  • Publish Date - November 25, 2025 / 04:17 PM IST,
    Updated On - November 25, 2025 / 05:13 PM IST

MP News. Image Soruce- MP DPR

HIGHLIGHTS
  • छोटे भाई को उप निरीक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति
  • अध्यक्ष पद के निर्वाचन संबंधी विधेयक विधानसभा में होगा पेश
  • छोटे भाई को जिला पुलिस बल में उप निरीक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति

भोपाल : Mohan Cabinet ke faisle, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा नक्सल विरोधी अभियान के दौरान पुलिस-नक्सल मुठभेड़ में 19 नवम्बर 2025 को वीरगति को प्राप्त हुए निरीक्षक (विशेष सशस्त्र बल) आशीष शर्मा, हॉक फोर्स बालाघाट के परिजन को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता की स्वीकृति प्रदान की गयी है। साथ ही उनके छोटे भाई अंकित शर्मा को जिला पुलिस बल में उप निरीक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किये जाने का निर्णय लिया गया है।

दिवंगत निरीक्षक आशीष शर्मा अत्यंत होनहार, प्रतिभाशाली और साहसी थे। उन्हें 2 बार राष्ट्रपति द्वारा वीरता पदक से सम्मानित किया गया था। इसके पहले वर्ष 2021 में मुख्यमंत्री के द्वारा आंतरिक सेवा पदक और 2023 में दुर्गम सेवा पदक प्रदान किया गया था। साथ ही राज्य शासन द्वारा वर्ष 2023 में आउट ऑफ प्रमोशन दिया गया। मंत्रि-परिषद की बैठक वंदे मातरम गान के साथ शुरू हुई।

नगरीय निकायों के अध्यक्ष पद के निर्वाचन संबंधी विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत किये जाने की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष पद का निर्वाचन प्रत्यक्ष प्रणाली से सीधे मतदाताओं द्वारा कराए जाने संबंधी विधेयक को विधानसभा में प्रस्तुत किये जाने की स्वीकृति दी गयी है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में वर्ष 1999 से 2014 तक नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष पद का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से सीधे मतदाताओं द्वारा कराए जाते रहें है। वर्ष 2022 में नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष पद का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से वार्डों के निर्वाचित पार्षदों के द्वारा कराए गए। महापौर का निर्वाचन प्रत्यक्ष प्रणाली से सीधे मतदाताओं द्वारा कराया जा रहा है।

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