Mohan Yadav Cabinet Meeting : मोहन कैबिनेट की बैठक खत्म, कई सेक्टर में सब्सिडी और इंसेंटिव पर लगी कैबिनेट की मुहर

Mohan Yadav Cabinet Meeting : मोहन कैबिनेट की बैठक खत्म, कई सेक्टर में सब्सिडी और इंसेंटिव पर लगी कैबिनेट की मुहर

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  • Publish Date - February 11, 2025 / 07:30 PM IST,
    Updated On - February 11, 2025 / 07:30 PM IST

Bhind Road Accident News । Image Credit: MP DPR

भोपाल। Mohan Yadav Cabinet Meeting :  मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई बड़े फैसलों को मंजूरी दी गई। खासतौर पर मध्यप्रदेश को प्रमुख वैश्विक केन्द्र बनाने के लिए कई विभागों से जुड़ी नई निवेश नीति जारी की गई ताकि प्रदेश को औद्योगिक हब के रुप में विकसित किया जा सके। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से पहले मोहन सरकार ने उद्योगपतियों, मल्टीनेशनल कंपनियों, निवेशकों और युवा उद्यमियों को आकर्षित करने के लिए अपनी नीतियों में बदलाव किया है।

प्रदेश को अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव लगातार निवेश को बढ़ावा देने पर फोकस कर रहे हैं। इसी कड़ी में मप्र उद्योग संवर्धन नीति 2025 को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई। नई नीति में निवेशकों से चर्चा के आधार पर कई अहम बदलाव किये गए हैं। उनकी सुविधा को ध्यान में रखकर कई विभागों की अनुमतियों को हटाकर सिंगल विंडो परमिशन के जरिए राज्य में व्यापार करने की प्रक्रिया सरल की गई है।

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नई नीति में ‘मेड इन मध्यप्रदेश’ पर जोर

उद्योग संवर्धन नीति 2025 के अंतर्गत दस प्रकार के क्षेत्रों को शामिल कर उन्हें बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया गया है। इनमें कृषि, डेयरी एवं खाद्य प्रसंस्करण नीति, परिधान, फुटवियर खिलौने और सहायक उपकरण नीति, एयरोस्पेस और रक्षा उत्पादन प्रोत्साहन नीति, फार्मास्यूटिकल्स नीति, बायोटेक्नोलॉजी नीति, मेडिकल डिवाईसेस नीति, इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति, हाई वेल्यू एड विनिर्माता नीति, निजी औद्यौगिक पार्क हेतु वित्तिय सहायता नीति, विनिर्माण सेवा क्षेत्रों के लिए प्लग एंड प्ले सुविधाएं और लिजिस्टिक एवं वेयरहाउस नीति को शामिल किया गया है। इन नई नीतियों के जरिए मोहन सरकार मध्यप्रदेश को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाने के साथ राज्य में बड़े निर्यातकों की भागीदारी बढ़ाना चाहता है। साथ ही मेड इन मध्यप्रदेश बाजार को विकसित करना चाहता है ताकि प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ाएं जा सकें।

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5 वर्ष में 20 लाख रोजगार का लक्ष्य

नई उद्योग नीति के अंतर्गत राज्य में रोजगार के अवसरों को बढ़ाकर अगले पांच वर्षों में लगभग 20 लाख नए रोजगार के अवसर सृजित करने को लक्ष्य बनाया गया है। साथ ही निवेश प्रोत्साहन योजना के तहत दी जाने वाली सहायता राशि भी बढ़ाई गई है।

अब 200 करोड़ तक की मिलेगी सहायता

नई उद्योग नीति में निवेश प्रोत्साहन सहायता का दायरा बढ़ाते हुए 150 करोड़ से बढ़ाकर 200 करोड़ किया गया है। इसके अंतर्गत 50 करोड़ से 125 करोड़ के निवेश पर 40% से 32% तक और 125 करोड़ से 2500 करोड़ तक के निवेश पर 32% से 10% तक सहायता की जाएगी। इसके तहत अधिकतम 200 करोड़ तक की सहायता मिल सकेगी।

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परिधान, फुटवियर, खिलौने, सहायक उपकरण नीति में इंसेंटिव

Mohan Yadav Cabinet Meeting :  प्रदेश सरकार ने रोजगार और श्रमिक आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रावधान किये हैं। इसके तरह रेडीमेड गारमेंट, फुटवियर और खिलौने बनाने वाले उद्योगों में प्रति कर्मचारी 5 हजार रुपये 5 वर्षों तक दिये जाएंगे। साथ ही प्रशिक्षण और कौशल विकास के लिए 13 हजार रु. प्रति नए कर्मचारी के लिए 5 वर्षों तक प्रोत्साहन दिया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि खिलौना निर्यात में भारत और मध्यप्रदेश नं. 1 की पोजीशन पर पहुंचे। नई निवेश नीति में ब्याज अनुदान, विकास शुल्क से छूट, स्टांप ड्यूटी पंजीकरण में छूट, विद्युत टैरिफ में छूट, हरित औद्योगिकरण सहायता के अंतर्गत मदद की जाएगी।

 

मोहन कैबिनेट की बैठक खत्म होने के बाद मध्यप्रदेश की नई उद्योग नीति में क्या बदलाव किए गए?

मोहन कैबिनेट की बैठक खत्म होने के बाद, मध्यप्रदेश की नई उद्योग नीति 2025 में निवेशकों की सुविधा के लिए कई अहम बदलाव किए गए हैं। इसमें सिंगल विंडो परमिशन की प्रक्रिया लागू की गई है, जिससे व्यापार करने में आसानी होगी।

नए उद्योग नीति के तहत मध्यप्रदेश में कितने रोजगार के अवसर सृजित होंगे?

नई उद्योग नीति के तहत, अगले पांच वर्षों में लगभग 20 लाख नए रोजगार के अवसर सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है।

नई नीति में 'मेड इन मध्यप्रदेश' का क्या महत्व है?

'मेड इन मध्यप्रदेश' पर जोर देने का उद्देश्य राज्य में बड़े निर्यातकों की भागीदारी बढ़ाना और रोजगार के अवसर सृजित करना है। इससे मध्यप्रदेश को वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त करने की दिशा में मदद मिलेगी।

मोहन कैबिनेट की बैठक में निवेश प्रोत्साहन के लिए कितनी सहायता राशि बढ़ाई गई है?

मोहन कैबिनेट की बैठक में निवेश प्रोत्साहन सहायता की राशि 150 करोड़ से बढ़ाकर 200 करोड़ कर दी गई है। इस योजना के तहत निवेश पर विभिन्न प्रतिशत में सहायता दी जाएगी।