पंडित जी हो जाइए तैयार, पुजारियों की लगने जा रही क्लास, सरकार पढ़ाएगी पाठ

Pandit will get training of worship: पंडित जी हो जाइए तैयार, पुजारियों की लगने जा रही क्लास, सरकार पढ़ाएगी पाठ

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  • Publish Date - August 19, 2022 / 02:16 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:24 PM IST

Pandit will get training of worship: भोपाल। सरकार पुजारियों को पूजा-पाठ का तरीका सिखाने की तैयारी कर रही है। मध्यप्रदेश सरकार अब राज्य के 21 हजार मंदिरों के पुजारियों को विशेष प्रशिक्षण दिलाएगी। इसके साथ ही श्रीराम वनपथगमन न्यास के गठन का भी प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसे आगामी कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व की ओर से पुजारियों के लिए सिलेबस और टाइम-टेबल का निर्धारण किया जा रहा है। मार्गदर्शिका भी बनाई जा रही है। इसकी घोषणा गुरुवार को मंत्री उषा ठाकुर ने की। उन्होंने बताया कि मंदिर भारतीय समाज के संस्कार केंद्र हैं। यही भावी पीढ़ी को समाज के मूल्य और आदर्श संचारित करते हैं। विभाग इंदौर से योजना की शुरुआत करने जा रहा है, जहां के करीब 700 मंदिरों की साजो-संभाल धर्मस्व विभाग के जिम्मे है।

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श्रीराम वनपथगमन न्यास का हो सकता है गठन

Pandit will get training of worship: दरअसल, ये निर्णय उन मंदिरों के पुजारियों के लिए हुआ है, जिनका संधारण यानी रखरखाव सरकार के संबंधित विभाग की ओर से किया जाता है। सूत्रों के अनुसार, पुजारियों के प्रशिक्षण के लिए विभागीय स्तर से योजना बनाई जा रही है। इसे अक्टूबर से जिलों में शुरू किया जाएगा। प्रदेश में श्रीराम वनपथगमन के लिए कागजों में योजनाएं बनती हैं, पर अब इस पर सहमति बन गई है। इसके लिए न्यास का गठन होगा। यह प्रस्ताव 23 अगस्त को होने वाली कैबिनेट में रखा जाएगा। इस प्रोजेक्ट को धर्मस्व न्यास के बजाय संस्कृति विभाग को सौंपा गया है। मंत्री उषा ठाकुर के मुताबिक मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना की ट्रेन निरंतर चलाई जाएगी। लगभग 150 ट्रेनों को चलाने की योजना वर्तमान में बनाई गई है।

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यह था निर्णय, ये सिखाया जाएगा

Pandit will get training of worship: 2018 में निर्णय लिया गया था कि शासन संधारित देव स्थानों और मंदिरों के पुजारियों को विशेष पर्व व त्योहारों पर की जाने वाली पूजा विधि, अनुष्ठान और कर्मकांड सिखाया जाएगा। उन्हें पंचांग पढ़ना भी सिखाया जाएगा। प्रशिक्षण धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग मप्र तीर्थस्थान एवं मेला प्राधिकरण के जरिए देने का निर्णय लिया गया था। जिसके बाद पंडितो को प्रशिक्षण में सिखाया जाएगा कि कैसे मंदिर में भगवान की प्रभात आरती, भोग आरती और शयन आरती कैसे की जाती है। शिवरात्रि, नवरात्रि, रामनवमी, कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी जैसे विशेष पर्व पर अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा किस तरह की जाती है। अनुष्ठान जैसे दुर्गा सप्तशती पाठ, अभिषेक, भूमिपूजन, वास्तु पूजन, वाहन पूजन कैसे किया जाता है। कुछ पुजारियों को पंचांग देखना नहीं आता, इसलिए प्रशिक्षण में पंचांग देखना भी बताया जाएगा।

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सतना से प्रशिक्षण के लिए भेजा नाम

Pandit will get training of worship: धर्मस्व विभाग द्वारा जून 2018 में लिए गए निर्णय के परिप्रेक्ष्य में अब जिलेवार पुजारियों की जानकारी मांगी गई है। सतना जिले के 102 शासन संधारित मंदिरों के पुजारियों की सूची बनाई गई है। एक महिला पुजारी भी शामिल है। जानकारी मप्र तीर्थ स्थान एवं मेला प्राधिकरण के सीईओ को भेजी गई है। सतना से कोठी तहसील के 6, रघुराजनगर तहसील के 20, मैहर तहसील के 7, कोटर के 1, बिरसिंहपुर के 1, रामपुर बाघेलान के 6, अमरपाटन के 6, मझगवां के 20, उचेहरा के 11, रामनगर के 3, नागौद के 21 मंदिरों के पुजारी शामिल हैं। कोठी तहसील के नरसिंहजी भगवान मंदिर ग्राम कोठी (कटरा) की महिला पुजारी सुनीता त्रिपाठी का नाम प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है। इसके अलावा धर्मस्व विभाग ने सात प्रशिक्षण केंद्रों का चयन किया था। इसमें सतना सहित इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, शिवपुरी, टीकमगढ़ और विदिशा शामिल रहे। इन केंद्रों में दो दिवसीय प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया गया था। प्रशिक्षण के बाद पुजारियों को प्रमाण-पत्र भी दिया जाना था। हालांकि बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। अब एक बार फिर से इस मामले की नस्ती निकाली गई है।

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