Sex Worker News: ‘सेक्स रैकेट का भांडाफोड़ होने पर महिला सेक्स वर्कर्स को आरोपी नहीं बना सकते’ पुलिस मुख्यालय से जारी हुआ आदेश

Sex Worker News: 'सेक्स रैकेट का भांडाफोड़ होने पर महिला सेक्स वर्कर्स को आरोपी नहीं बना सकते' पुलिस मुख्यालय से जारी हुआ आदेश

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  • Publish Date - April 5, 2025 / 01:46 PM IST,
    Updated On - April 5, 2025 / 01:46 PM IST

Sex Worker News: 'सेक्स रैकेट का भांडाफोड़ होने पर महिला सेक्स वर्कर्स को आरोपी नहीं बना सकते' / image Source: Symbolic

HIGHLIGHTS
  • अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम
  • सुप्रीम कोर्ट के 21 सितंबर 2023 के आदेश
  • सेक्स वर्कर्स को सामाजिक और मानसिक शोषण से बचाने के लिए यह कदम जरूरी माना जा रहा है

भोपाल: Sex Worker News कड़े कानून होने के बाद भी देश के कई राज्यों में देह व्यापार का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। आए दिन स्पा सेंटर और होटलों में देह व्यापार का घिनौना कारोबार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। लेकिन इस बीच मध्यप्रदेश पुलिस विभाग ने ऐसा आदेश जारी किया है, जिसे सुनकर एक पल के लिए आपको थोड़ा अटपटा लगेगा।

Sex Worker News दरअसल पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि वेश्यालयों से पकड़ी जाने वाली महिला सेक्स वर्कर्स को अब आरोपी नहीं बनाया जाएगा। इस संबंध में मुख्यालय से पुलिस अधिक्षकों को निर्देश जारी कर दिया गया है।

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स्पेशल डीजी महिला सुरक्षा प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि, कई जिलों में अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के अंतर्गत रजिस्टर्ड किए जाने वाले अपराधों में अक्सर देखने में आता है कि होटल संचालकों और ढाबा मालिकों द्वारा पैसा लेकर होटल और ढाबों के कमरे में वेश्यालय संचालित किया जाता है। ऐसे मामलों में पुलिस द्वारा दबिश दिए जाने के दौरान वहां से पकड़ी जाने वाली महिला को भी आरोपी बनाया जाता है।

स्पेशल डीजी ने आदेश में कहा है कि महिला सेक्स वर्कर के साथ पीड़ित और शोषित के जैसे करने को लेकर पूर्व में भी निर्देश दिए गए हैं। इस आदेश में पुलिस मुख्यालय की ओर से सुप्रीम कोर्ट के 21 सितम्बर 2023 के ”क्रिमिनल अपील क्रमांक 135-2020 बुद्धदेव कर्मास्कर बनाम पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य के आदेश” का हवाला दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया था कि वेश्यालयों में दबिश के दौरान स्वैच्छिक लैंगिक कार्य अवैध नहीं है। केवल वेश्यालय चलाना अवैध है, सेक्स वर्कर को गिरफ्तार कर दंडित अथवा परेशान नहीं करना चाहिए।

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सेक्स रैकेट में पकड़ी गई महिला को अब आरोपी क्यों नहीं बनाया जाएगा?

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, स्वैच्छिक सेक्स वर्क अवैध नहीं है। इसलिए MP पुलिस ने सेक्स वर्कर्स को पीड़ित की श्रेणी में रखने का निर्णय लिया है।

क्या अब सेक्स रैकेट चलाना भी कानूनी हो गया है?

नहीं, सेक्स रैकेट या वेश्यालय चलाना अभी भी अवैध है। लेकिन उसमें काम करने वाली महिला अगर अपनी मर्जी से है तो उसे अपराधी नहीं माना जाएगा।

MP पुलिस का यह आदेश कब लागू हुआ?

यह आदेश हाल ही में स्पेशल डीजी महिला सुरक्षा के द्वारा सभी जिलों को भेजा गया है।

क्या यह निर्णय पूरे भारत में लागू है?

सुप्रीम कोर्ट का आदेश पूरे भारत के लिए मान्य है, लेकिन राज्य स्तर पर आदेश जारी होने से स्थानीय पुलिस उस पर तुरंत अमल कर सकती है।

सेक्स वर्कर्स को क्या कोई सरकारी मदद मिलती है?

कई राज्य सरकारें सेक्स वर्कर्स के पुनर्वास और सुरक्षा के लिए योजनाएं चलाती हैं, जैसे कि आवास, स्वास्थ्य सेवाएं और मानसिक काउंसलिंग।