भोपाल : Face To Face Madhya Pradesh : MP कांग्रेस में फिलहाल सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद कांग्रेस दिन-ब-दिन टूटती चली जा रही है। कांग्रेस को लोकसभा चुनाव के लिए दावेदार भी नहीं मिल रहे हैं। बड़े नेताओं ने राम नाम की लहर से घबरा कर हाथ खड़े कर दिए हैं। जिसके बाद नए चेहरों की तलाश में जुटी कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। जबकि बीजेपी एमपी की 29 की 29 सीटों पर खूंटा गाड़ने के दावे कर रही है।
Face To Face Madhya Pradesh : दिग्विजय सिंह का ये बयान एमपी कांग्रेस की लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए बड़ा झटका माना जा सकता है। विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस अपने दिग्गज नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ाने की रणनीति बनाई थी। दरअसल बीजेपी ने ये फॉर्मूला विधानसभा चुनाव में अपनाया था। लेकिन कांग्रेस की ये रणनीति दिग्विजय सिंह के इनकार के बाद फेल होती दिख रही है। वैसे इस लिस्ट में इकलौते दिग्विजय सिंह नहीं हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव भी खंडवा से लोकसभा चुनाव लड़ने के बजाए राज्यसभा जाने की जुगाड़ लगा रहे हैं। सीधी से पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल भी लोकसभा चुनाव लड़ने से कन्नी काट रहे हैं। इंदौर से संजय शुक्ला भी चुनाव लड़ने से बच रहे हैं। भिंड से पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह और मुरैना-श्योपुर से कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने भी पार्टी के सामने चुनाव न लड़ने की बात रख दी है। कांग्रेस विधायक और सीईसी मेंबर ओमकार सिंह मरकाम ने भी मंडला से लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है।
यह भी पढ़ें : CM Sai on Naksalwad: ‘छत्तीसगढ़ से खत्म होगा नक्सलवाद…’, सीएम साय ने दिया बड़ा बयान
Face To Face Madhya Pradesh : एक ओर कांग्रेस जीतू पटवारी की लीडरशिप में नई उर्जा और दमखम के साथ लोकसभा की तैयारी कर रही है। तो दूसरी ओर दिग्गज नेता कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। बावजूद इसके पीसीसी चीफ जीतू पटवारी का कहना है कि AICC के ऑब्जर्वर दावेदारों की रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, आलाकमान जल्द ही टिकट भी तय कर देगा। इधर बीजेपी का दावा है कि इस बार वो मध्यप्रदेश की सभी 29 सीटें जीतेगी।
बहरहाल अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद एक ओर बीजेपी राम लहर पर सवार होकर लोकसभा चुनाव में 400 सीट लाने का दम भर रही है। तो दूसरी तरफ कांग्रेस के सीनियर नेता चुनाव लड़ने से इनकार कर पार्टी की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए जिताऊ उम्मीदवार खोजना वाकई चुनौती से कम नहीं । हालांकि कांग्रेस का दावा है कि चुनाव दम से लड़ेंगे और सबको चौकाएंगे।