MP Assembly Elections 2023
MP Assembly Elections 2023 : भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव बीजेपी कांग्रेस के सिर पर हैं। दोनों ही पार्टियां जनता का आशीर्वाद लेने में लगी हैं। ये चुनाव बीजेपी के कार्य और कांग्रेस के विश्वास के तौर पर देखा जा रहा है। जनता के बीच जाने के लिए लिए प्रदेश में इस समय यात्राओं और रैलियों का दौर भी देखा जा रहा है। बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा में जहां देश के कई दिग्गज नेताओं और मंत्रियों का जमावड़ा देखा जा रहा है तो वहीं कांग्रेस ने अपनी जन आक्रोश का जिम्मा कई नेताओं के हाथों में सौंप दिया है। इसी बीच चुनाव से पहले दल बदल का खेल भी साफ देखा जा रहा है। बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है जिससे बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है जिसका असर विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा।
MP Assembly Elections 2023 : मध्यप्रदेश में बीजेपी टूट रही है। एक एक करके बीजेपी के सीनियर नेता पार्टी को टाटा बाय-बाय कह रहे हैं। बीजेपी ये दिखाने की कोशिश कर रही है कि पार्टी छोड़ने वाले नेताओं से बीजेपी की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन बीजेपी के नाराज़ नेताओं ने पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है। कांग्रेस इस गणित में भाजपा से बेहद आगे चल रही है। बीजेपी से आज पूर्व सांसद बोध सिंह भगत, राजेश पटेल के अलावा सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने बीजेपी छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया है।
सभी को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सदस्यता दिलवाई हैं। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा, कि प्रदेश में विकास बिल्कुल भी नहीं हुआ है सिर्फ बातें हुई है युवा रोड पर घूम रहे हैं। बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले कई कांग्रेस के नेताओं ने बीजेपी या अन्य पार्टी का दामन थामा तो वहीं बीजेपी को भी तगड़ा झटका लगा है। कई बड़े नेताओं ने बीजेपी को अलविदा कह दिया है। जिसमें कटनी – ध्रुवप्रताप सिंह, मुंगावली – यादवेंद्र सिंह, कोलारस- बैजनाथ यादव, शिवपुरी- वीरेंद्र रघुवंशी, जावद- समंदर पटेल, खुरई – गुडडू राजा बुंदेला, निवाड़ी – रोशनी यादव, बालाघाट- अनुभा मुंजारे, सुरखि- नीरज शर्मा, बदनावर- भंवर सिंह शेखावत, खातेगांव – दीपक जोशी ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया है।
7 संभागों से शुरू हुई सनातन के रंग में डूबी कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा को अच्छा खासा जनसमर्थन मिल रहा है। बुधवार को सातों संभागों में कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा को अच्छा समर्थन मिला। रथ पर सवार दिग्गज नेताओं का जगह-जगह स्वागत किया गया। भाजपा से परेशान हर वर्ग के लोग यात्रा में शिरकत कर रहे हैं। इधर राजधानी भोपाल में भाजपा के कई दिग्गज नेताओं ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। ऐसे में स्थिति कांग्रेस के पक्ष में जाती दिख रही है। राजनीतिक पंडित विधानसभा चुनाव की जिस रेस को बराबरी का बता रहे थे वो अब कांग्रेस की ओर झुकती दिख रही है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल व छत्तीसगढ़ के आबकारी एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा सीधी जिले के सिहावल विधानसभा में जन आक्रोश रैली में शामिल हुए जहां हिनौती से शुरू कर अमिलिया में जनसभा करते हुए बहरी में जनसभा को समाप्त किया है जहां रैली में भारी लोगों का जन सैलाब शामिल हुआ जहां छत्तीसगढ़ के मंत्री कवासी लखमा मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर बरसे और सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं और कहां की भारतीय जनता पार्टी का मध्य प्रदेश की सेवा से कोई सरोकार नहीं है और जन आक्रोश यात्रा का उद्देश्य भाजपा सरकार के 18 साल के कुशासन से दबी कुचली जनता के दुख-दर्द को अभिव्यक्त करना है।
इस बीच 7 संभागों में से एक बुंदेलखंड क्षेत्र में यात्रा का नेतृत्व कर रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला बोला है। यादव ने सिंधिया के बगावत पर कहा कि छोड़कर जाना उनका खानदानी रिवाज है। यादव ने भाजपा की घोषणाओं को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि सीएम शिवराज के पास प्रदेश की जनता के लिए अब कुछ नहीं है इसलिए जब भी हम कोई घोषणा कर रहे हैं वह उसे कॉपी पेस्ट करते है।
पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल के नेतृत्व मे निकली यात्रा में लोगों का काफी जन समर्थन मिल रहा है। जगह-जगह पर लोग इस यात्रा का स्वागत कर रहे हैं। यात्रा के दौरान उन्होंने कहा कि जिस तरह पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार हो रहा है बीजेपी के सरकार में किसान मजदूर युवा कर्मचारी सब परेशान है। निकम्मी सरकार का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए जनता के बीच में जाएंगे और जनता से सरकार की असलियत बताई जाएगी।
बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आए नेता कह रहे हैं कि पहले वाली बीजेपी अब नहीं रही। बीजेपी में न बुजुर्ग नेताओं की सुनवाई हो रही है न ही जमीनी कार्यकर्ता की पूछ परख हो रही है।जाहिर है कांग्रेस के लिए बीजेपी के अंदर की सिरफुटव्वल ज़रुर काम आएगी।खुद कमलनाथ कह रहे हैं कि हमारा दल और दिल दोनों बीजेपी के नाराज़ नेताओं के लिए खुले हुए हैं।कमलनाथ मंच से ये भी कह रहे हैं कि बीजेपी सनातन के नाम पर पब्लिक को गुमराह कर रही है।
बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले पूर्व सांसद बोध सिंह भगत ने उन दिग्गजों की नीयत पर भी सवाल खड़े किए हैं। जिनको बोध सिंह भगत जैसे नाराज़ नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी पार्टी की सीनियर लीडरशिप ने दी थी। भगत ने दावा किया कि कैलाश विजयवर्गी, प्रह्लाद पटेल, प्रभात झा सरीखे बीजेपी के दिग्गज अपने समर्थकों को टिकट दिलवा रहे हैं। बोध सिंह भगत सरीखे वो तमाम नेता जो बीजेपी छोड़ चुके हैं कमोबेश उनकी भी पार्टी से यही शिकायत है।
चुनावों में महज़ गिनती के दिन बचे हैं। 15 दिनों में आचार संहिता लगने वाली है।बीजेपी की सेंट्रल लीडरशिप चुनाव प्रबंधन कर रही है।फिर भी इस तरह बीजेपी के सीनियर नेताओं का पार्टी छोड़ना हैरान करता है।खैर कांग्रेस की कोशिश है कि बिना शर्त कांग्रेस में शामिल होने वाले नेताओं से पार्टी को नुक्सान कम फायदा ज्यादा होगा।