23 की जंग.. आदिवासी किसके संग? पीएम मोदी के मिशन मानगढ़ से बीजेपी को कितना होगा फायदा?

BJP will benefit from PM Modi's mission Mangarh

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  • Publish Date - November 1, 2022 / 12:14 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:33 PM IST

सुधीर दंडोतिया/भोपालः मिशन-2023 के लिए एक साल पहले से ही बीजेपी और कांग्रेस अपने-अपने समीकरण बैठाने शुरू कर दिए हैं। भारत जोड़ों यात्रा के ज़रिए राहुल गांधी तकरीबन दर्जन भर आदिवासी बहुल्य सीटों पर पैदल मार्च कर ये संकेत देना चाहेंगे कि आदिवासियों के साथ कांग्रेस का हाथ है..लेकिन बीजेपी ने देश के प्रधानमंत्री के ज़रिए एक बड़ा मास्टरस्ट्रोक चला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 नवम्बर को राजस्थान में आदिवासियों के प्रमुख तीर्थ स्थल मानगढ़ धाम में करीब 1 लाख आदिवासियों के बीच एक बड़ी जनसभा करने जा रहे हैं। जिसमें एमपी के आदिवासियों की एक बड़ी संख्या होगी। यानी बीजेपी हो या कांग्रेस या फिर जयस नज़र एमपी की 47 आदिवासी सीटों पर है। क्योंकि इन सीटों पर जीत का मतलब एमपी में जीत पक्की। 23 की जंग… आदिवासी किसके संग?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 नवंबर को राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के मानगढ़ धाम का दौरा करेंगे। मन की बात कार्यक्रम में खुद पीएम ने इसकी जानकारी दी है। यहां पीएम बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे, जिसमें राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश से करीब 1 लाख आदिवासी समाज के लोग शामिल होंगे.. पीएम के मानगढ़ दौरे को लेकर सियासी पारा भी चढ़ने लगा है। चूंकि मामला आदिवासी वोट बैंक से जुड़ा है तो बीजेपी और कांग्रेस के अपने-अपने दावे हैं। दोनों पक्षों को आपको सुनाएंगे.. पहले पीएम मोदी का मिशन मानगढ़ और उसके सियासी मायने समझिए।

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ये आदिवासियों की आस्था का बड़ा केंद्र है। यहां 1913 में आदिवासी-भीलों का हुआ नरसंहार था। संत गोविंद के नेतृत्व में 1500 आदिवासी शहीद हुए थे। राजस्थान, गुजरात और एमपी बॉर्डर पर स्थित है। यानी पीएम एक रैली के जरिए 3 राज्यों की 99 सीटें साधेंगे। बात करें एमपी की तो विधानसभा की 47 सीटें और लोकसभा की 6 सीटें आदिवासी के लिए आरक्षित है और करीब 80 विधानसभा सीटों पर आदिवासियों का बड़ा प्रभाव है। सियासी गणित को बीजेपी भी भली भांती समझती है कि आदिवासी वोटर्स को साधे बिना सत्ता की कुर्सी हासिल करना इतना आसान नहीं। एमपी बीजेपी पिछले दो साल से आदिवासी वोटर्स को साधने में जुटी है। ऐसे में बीजेपी को उम्मीद है कि पीएम मोदी का मिशन मानगढ़ आदिवासी सीटों का टारगेट को पूरा करेगा। जबकि कांग्रेस दावा कर रही है कि पिछली बार की तरह इस 2023 में भी आदिवासियों का साथ कांग्रेस को ही मिलेगा।

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कुल मिलाकर ये कहना गलत नहीं होगा कि बीजेपी मिशन 2023 और 2024 जीतने सबसे ज्यादा फोकस आदिवासी वर्ग पर है। राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश के बॉर्डर पर बसे आदिवासी..सभी दलों के लिए बड़ा वोट बैंक है। ऐसे में देखना होगा कि पीएम मोदी के मिशन मानगढ़ से बीजेपी को कितना फायदा होता है।