इंद्रेश सूर्यवंशी, उज्जैनः मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले की नागदा तहसील के बिरलाग्राम थाना क्षेत्र में 18 जुलाई की रात एक चौंकाने वाली हत्या का मामला सामने आया, जिसने इलाके में सनसनी फैला दी। ग्राम भगतपुरी में हुए इस हत्याकांड की परतें पुलिस जांच में धीरे-धीरे खुलने लगी हैं। पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी मनीष और उसके साथी प्रदीप को गिरफ्तार कर लिया है। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि हत्या का कारण ‘हत्या का डर’ बना।
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पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी मनीष मृतक हुकम की पत्नी आरती से लंबे समय से लगातार फोन पर बातचीत करता था। दोनों के बीच घंटों तक बातें होती थीं। जब यह बात मृतक हुकम के संज्ञान में आई तो आरोपी मनीष को आशंका हुई कि हुकम उसकी हत्या कर सकता है। इसी डर के चलते मनीष ने अपने दोस्त प्रदीप के साथ मिलकर एक खौफनाक साजिश रच डाली। पुलिस के अनुसार, 18 जुलाई की रात दोनों आरोपियों ने मिलकर धारदार हथियार से हुकम पर 20 से 25 वार किए, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। खास बात यह रही कि हत्या के अगले ही दिन मनीष ने खुद को निर्दोष साबित करने के लिए मृतक के परिजनों के साथ शोक व्यक्त करने भी पहुंचा था। लेकिन पुलिस की जांच में जब यह सामने आया कि मनीष और मृतक की पत्नी आरती के बीच लगातार बातचीत होती थी, तो संदेह मनीष पर गया। हिरासत में लेने के बाद मनीष ने पूछताछ में अपना जुर्म कबूल कर लिया और बताया कि उसने यह हत्या, हत्या की आशंका से खुद को बचाने के लिए की।
मृतक की पत्नी आरती ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि वारदात के वक्त वह कमरे में ही मौजूद थी। दोनों हमलावर चेहरे पर नकाब पहने हुए थे। उन्होंने आरती के चेहरे को कंबल से ढक दिया था, जिससे वह हमलावरों को पहचान नहीं सकी। कुछ ही क्षणों में उसका पति खून से लथपथ जमीन पर पड़ा था। हालांकि, इस पूरे मामले में पुलिस को मृतक की पत्नी की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है। पुलिस का कहना है कि यदि जांच में यह सिद्ध होता है कि आरती ने भी इस हत्या की साजिश में कोई भूमिका निभाई है या उसने अपराधियों की सहायता की है, तो उसे भी आरोपी बनाया जाएगा।