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Burhanpur Water Supply Scheme: करोड़ों खर्च करने के बाद भी क्यों अधूरा है काम? हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में मांगा जवाब, कलेक्टर, नगर निगम और ठेका एजेंसी को भी नोटिस जारी
करोड़ों खर्च करने के बाद भी क्यों अधूरा है काम? High Court asked the government- why the work is incomplete even after spending crores
Publish Date - April 8, 2025 / 11:41 PM IST,
Updated On - April 9, 2025 / 12:13 AM IST
HIGHLIGHTS
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जलावर्धन योजना की बदहाली को लेकर अधिकारियों को नोटिस जारी किया है।
जलावर्धन योजना का कार्य पांच साल में पूरा होना था।
जबलपुर: Burhanpur Water Supply Scheme: मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में जलावर्धन योजना की बदहाली पर हाईकोर्ट ने एक बार फिर सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए बड़े अफसरों को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, बुरहानपुर कलेक्टर सहित अन्य को नोटिस जारी कर पूछा कि करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद जलावर्धन योजना का काम समय पर पूरा क्यों नहीं किया? इसके अलाव नगर निगम और ठेका एजेंसी को भी नोटिस जारी किया है।
Burhanpur Water Supply Scheme: बता दें कि नगरीय प्रशासन विभाग की ओर से जलावर्धन योजना वर्ष 2017 में प्रारंभ की गई थी। जिसका कार्य पांच वर्ष में पूर्ण होना था। साल 2022 में डेडलाईन गुज़रने के बाद भी जलावर्धन योजना अधूरी है। याचिकाकर्ता ने कहा कि निर्धारित समयावधि समाप्त होने के बाद भी महज पांच फीसदी ही काम हुआ है, जबकि अब तक 130 करोड़ रुपये की राशि खर्च हो चुकी है। इतना ही नहीं जल योजना के लिए जहां पर पाइप डाले गए हैं, वह महज जमीन से पांच इंच नीचे ही हैं, पूरा कार्य गुणवत्ताहीन है।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए एमपी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विवेक अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने प्रदेश के नगरीय प्रशासन विभाग, प्रोजेक्ट डायरेक्टर मप्र नगरीय विभाग कंपनी, कलेक्टर बुरहानपुर, नगर निगम बुरहानपुर, जेएमसी प्रोजेक्ट इंडिया लिमिटेड व मेसर्स रेमकी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को नोटिस जारी किए हैं। सभी अधिकारियों को चार सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।
जलावर्धन योजना का कार्य कब शुरू हुआ था और कब पूरा होना था?
जलावर्धन योजना का कार्य वर्ष 2017 में शुरू हुआ था और इसे 5 वर्षों में यानी 2022 तक पूरा होना था।
जलावर्धन योजना की स्थिति क्या है?
जलावर्धन योजना की स्थिति बहुत खराब है। 2022 में निर्धारित डेडलाइन समाप्त हो जाने के बाद भी केवल पांच प्रतिशत ही काम हुआ है, और अब तक 130 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले में क्या कार्रवाई की है?
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जलावर्धन योजना की बदहाली को लेकर सख्ती दिखाई है और बड़े अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने राज्य सरकार, बुरहानपुर कलेक्टर, नगर निगम और ठेका एजेंसी को नोटिस जारी किया है।
कोर्ट ने अधिकारियों से क्या जवाब मांगा है?
कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं और यह पूछा है कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद जलावर्धन योजना का काम समय पर क्यों नहीं पूरा किया गया।
जलावर्धन योजना में कार्य के दौरान किस प्रकार की गुणवत्ता संबंधी समस्याएं आई हैं?
जलावर्धन योजना में पाइपलाइन का कार्य बहुत ही घटिया गुणवत्ता का हुआ है, क्योंकि पाइप केवल जमीन से पांच इंच नीचे डाले गए हैं, जो कार्य की गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है।