Rain broke the record of 3 years... the village turned into an island, officials

बारिश ने तोड़ा 3 साल का रिकॉर्ड…टापू में तब्दील हुआ गांव, बाढ़ पीड़ितों की मदद में जुटे अधिकारी

Chambal river's record broken: बारिश ने तोड़ा 3 साल का रिकॉर्ड...टापू में तब्दील हुआ गांव, officials engaged in helping the flood victims

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:55 PM IST, Published Date : August 26, 2022/8:53 am IST

भिण्ड। Chambal river’s record broken: चंबल नदी का तीन साल का रिकॉर्ड टूट चुका है। जिससे चम्बल रौद्र रूप में आ चुकी है। चम्बल का पानी एक दर्जन से अधिक गांव में बने घरों में घुसने लगा है। गांव में पानी भरने से ग्रामीणों ने आनन-फानन में अपनी घर गृहस्थी का सामान समेटकर छत की शरण ले ली है, वहीं कुछ सामान भी डूब चुका है। अब यह ग्रामीण अपने परिवार के साथ घरों की छत पर खुले आसमान के नीचे जिंदगी की गुजर बसर करने को मजबूर है। बता दे कि कलेक्टर सतीश कुमार और एसपी शैलेन्द्र सिंह बाढ़ पर नजर बनाए हुए है। अगर गांव डूबता है तो उनको एनडीआरएफ एसडीआरएफ की मदद से सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाएगा। इस दौरान सहकारिता मंत्री बोट के सहारे बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंचे। उन्हें राशन पानी के पैकिट उपलब्ध कराकर ग्रामीणों को ढांढस बंधाया।

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रौद्र रूप में आई नदी

Chambal river’s record broken: दरअसल, राजस्थान कोटा बैराज और गांधी सागर बांध से 12 हजार क्युमेक पानी छोड़े जाने के बाद चंबल नदी रौद्र रूप में आ चुकी है। चंबल 119 मीटर खतरे के निशान को पार करती हुई 128 मीटर पर पहुंच गई है। जिससे अटेर के एक दर्जनो गांव में बाढ़ से स्थिति बिगड़ने लगी है। गांव टापू बन चुके है, कई झोपड़ी डूब चुकी है, सरकारी स्कूलों पूरी तरह से डूब चुके है, ऐतिहासिक किले के चारो तरफ पानी भर चुका है, बिजली के खंबे डूब चुके है। सबसे ज्यादा हालात खराव नावली वृंदावन, देवालय, मुकुटपुरा, कछपुरा, रमा कोट, दिन्नपुरा, कोषण की मढ़ैयन, नखलोली सहित 10 से 12 गांव ज्यादा प्रभावित है। इन गांवों में रात से ही पानी भरना शुरू हो गया था। जिससे ग्रामीण रात को ही गृहस्थी का सामान समेटकर घर की छत पर पहुचने को मजबूर हो गए है।

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मंत्री,अधिकारी बाढ़ पीड़ितों की मदद में जुटे

Chambal river’s record broken: ग्रामीणों में आक्रोश है कि हर साल बाढ़ आती है सब कुछ बहा ले जाती है। ग्रामीणों ने अब गांव छोड़ने का मन बना लिया है। इसलिए वे सरकार से एक ही गुहार लगा रहे है कि उन्हें ऊंचे स्थान पर बसाया जाए। मुरैना में सीएम के दौरे के बाद अटेर विधायक सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया कलेक्टर एसपी के साथ बोट के सहारे ग्रामीणों के बीच पहुचे। मंत्री जी दीनपुरा और चौम्हो गांव पहुंचकर बाढ़ पीड़ितों को राशन के पैकिट बांटे साथ ही ग्रामीणों से कहा कि सरकार आपके साथ खड़ी है। वही कलेक्टर सतीश कुमार एस और पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र सिंह पूरी मुस्तैदी से बाढ़ पीड़ितों की मदद करने में लगे जुटे है।

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