Chhindwara News: रामलीला में BJP सांसद बने राजा जनक, सीता स्वयंवर में निभाई ऐतिहासिक भूमिका, 137 साल पुरानी परंपरा देखने उमड़ी लोगों की भीड़

Chhindwara News: रामलीला में BJP सांसद बने राजा जनक, सीता स्वयंवर में निभाई ऐतिहासिक भूमिका, 137 साल पुरानी परंपरा देखने उमड़ी लोगों की भीड़

  • Reported By: Ajay Dwivedi

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  • Publish Date - September 22, 2025 / 02:00 PM IST,
    Updated On - September 22, 2025 / 02:00 PM IST

Chhindwara News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • 137 वर्षों की परंपरा में नया अध्याय,
  • सांसद ने रामलीला में निभाई राजा जनक की भूमिका,
  • सीता स्वयंवर के मंचन में धनुष यज्ञ का दृश्य बना आकर्षण का केंद्र,

छिंदवाड़ा: Chhindwara News:  मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में 137 वर्षों से लगातार आयोजित हो रही ऐतिहासिक रामलीला इस बार और भी विशेष रही। जिले के लोकप्रिय सांसद विवेक बंटी साहू ने रामलीला मंच पर मिथिला नरेश राजा जनक की भूमिका निभाकर न केवल दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया बल्कि इस सांस्कृतिक धरोहर से अपनी पारिवारिक परंपरा को भी जीवंत किया। रविवार की रात जैसे ही रामलीला के मंच पर सांसद विवेक बंटी साहू ने राजा जनक के रूप में प्रवेश किया पूरा माहौल जयघोषों और तालियों से गूंज उठा। सीता स्वयंवर और धनुष यज्ञ के दृश्यों ने दर्शकों को रामायण काल की पावन स्मृतियों में लौटा दिया।

सांसद साहू ने मंचन के बाद संवाददाताओं से कहा की यह मेरे और मेरे परिवार के लिए गर्व का विषय है कि हम चौथी पीढ़ी तक इस ऐतिहासिक रामलीला से जुड़े हैं। यह परंपरा केवल अभिनय नहीं बल्कि धर्म और संस्कृति का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए सौभाग्य की बात है कि 500 वर्षों के बाद प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनकर तैयार हुआ है। सांसद साहू ने कहा कि धर्म और संस्कृति से ही आने वाली पीढ़ियों को नैतिक मूल्य और पहचान मिल सकती है। यदि भारत को पुनः सोने की चिड़िया बनाना है तो हमें अपनी जड़ों से जुड़ना होगा। यह मार्ग धर्म और संस्कृति से होकर ही जाता है।

Chhindwara News:  रामलीला मंचन के इस विशेष अवसर पर छिंदवाड़ा कलेक्टर शैलेंद्र सिंह, पुलिस अधीक्षक अजय पांडे सहित कई गणमान्य नागरिक भी मौजूद रहे। छिंदवाड़ा की श्रीरामलीला मंडल देशभर में अपनी भव्यता, अनुशासन और ऐतिहासिक परंपरा के लिए जानी जाती है। हर वर्ष यहां दूर-दूर से श्रद्धालु रामलीला देखने आते हैं। 137 वर्षों की यह परंपरा आज भी पूरे गौरव के साथ आगे बढ़ रही है।

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