MP Congress Latest News: कांग्रेस का एक बार फिर बड़ा एक्शन, 50 नेताओं को एक साथ थमाया नोटिस, इस बात को लेकर 15 दिन में मांगा जवाब

कांग्रेस का एक बार फिर बड़ा एक्शन, 50 नेताओं को एक साथ थमाया नोटिस, Congress takes another big action, issues notice to 50 leaders simultaneously

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  • Publish Date - October 7, 2025 / 05:27 PM IST,
    Updated On - October 8, 2025 / 12:12 AM IST

Bihar Politics. Image Source-IBC24 Archive

HIGHLIGHTS
  • कांग्रेस ने उज्जैन के 50 नेताओं को भेजा कारण बताओ नोटिस
  • 15 दिन के भीतर जवाब नहीं देने पर हो सकती है बड़ी कार्रवाई
  • सोशल मीडिया पर भी नेताओं का असंतोष आया सामने

भोपाल/उज्जैन: MP Congress Latest News: मध्यप्रदेश कांग्रेस में इन दिनों आंतरिक कलह खुलकर सामने आ रही है। उज्जैन में पार्टी लाइन से हटकर गतिविधियों और अनुशासनहीनता को लेकर कांग्रेस की प्रदेश अनुशासन समिति ने कड़ा रुख अपनाया है। समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने उज्जैन के 50 नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

MP Congress Latest News: बता दें कि कांग्रेस जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के वक्त उज्जैन में महेश परमार की नियुक्ति का विरोध करते हुए पार्टी नेताओं ने प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष का पुतला जलाया था। इसे पार्टी नेतृत्व ने अनुशासनहीनता माना है। अनुशासन समिति ने नोटिस में यह स्पष्ट किया है कि संगठन की स्वीकृति के बिना समानांतर गतिविधियां और सार्वजनिक रूप से पार्टी नेतृत्व का विरोध करना कांग्रेस के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। जिन नेताओं को नोटिस भेजा गया है, उनसे सात दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है।

नोटिस मिलने के बाद कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया पर किया ऐसा पोस्ट

पार्टी की ओर से अनुशासनहीनता पर नोटिस मिलने के बाद अब असंतोष लगातार बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस प्रदेश महासचिव चेतन यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा कि बधाई हो साथियों सुना है भोपाल से प्रेम पत्र आया है।

किन नेताओं को नोटिस भेजा गया है?

अभी तक पार्टी ने नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं, लेकिन उज्जैन के वे नेता शामिल हैं जिन्होंने जिला अध्यक्ष की नियुक्ति का विरोध किया।

नोटिस का कारण क्या है?

नेताओं द्वारा पार्टी नेतृत्व का पुतला जलाना, समानांतर कांग्रेस चलाना और सार्वजनिक रूप से विरोध करना।

नोटिस का जवाब कब तक देना है?

पार्टी ने 15 दिनों का समय दिया है, जिसके भीतर नेताओं को स्पष्टीकरण देना होगा।

अगर जवाब नहीं दिया गया तो क्या होगा?

अनुशासन समिति अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है, जिसमें निलंबन या निष्कासन शामिल हो सकता है।

क्या यह मामला कांग्रेस के लिए चुनावी नुकसान बन सकता है?

भीतरी कलह से संगठन कमजोर होता है, जिसका असर चुनावी प्रदर्शन पर भी पड़ सकता है।