न जज…न कटघरा, फिर भी फैसले खरे…ऐसी अदालत जहां नागों के सताए लोगों को मिलता है इंसाफ

न जज...न कटघरा, फिर भी फैसले खरे...! Court of Naag! A court where people persecuted by serpents get justice

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  • Publish Date - August 13, 2021 / 10:55 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:46 PM IST

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रायसेन: आपने यूं तो अदालतों के बारे में सुना ही होगा लेकिन क्या नागों की अदालत के बारे में जानते हैं। शायद नहीं….तो चलिए हम आपको बताते हैं कि एक ऐसी अजीबोगरीब अदालत के बारे में जहां न कोई जज होता है और ना ही कटघरा। लेकिन मान्यता है कि यहां फैसले खरे होते हैं। नागपंचमी पर ये अदालत लगती है मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के एक छोटे से गांव में।

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दरअसल, ये अदालत है नागों की, जहां नागों के सताए लोगों को इंसाफ मिलता है। ऐसी मान्यता है कि श्रीराम रसियाधाम में नाग खुद सताने की वजह बताते हैं। मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के सिहोरा खुर्द गांव में नागदेव का चबूतरा है, जहां ये मेला खासतौर पर नागपंचमी के दिन लगता है। यहां सिलवानी, बरेली, उदयपुरा, सुल्तानपुर, औबेदुल्लागंज, बेगमगंज समेत सीहोरा, भोपाल और सागर से भी लोग आते हैं।

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लोग कहते हैं कि नाग खुद पीड़ित के अंदर समाकर उसे बार-बार डंसने की वजह बताता है। इतना ही नहीं लोग कहते हैं कि नाग या नागिन अपनी पीड़ा बताकर संबंधित व्यक्ति को दोबारा फिर ना काटने का संकल्प भी लेते हैं। यहां आने वाले ज्यादातर लोग ऐसे होते हैं जिन्हें बार-बार नाग डंसते हैं। ऐसे में वो जानना चाहते हैं कि आखिर सांप उन्हें अपने दंश का शिकार क्यों बना रहा है। लोगों की माने तो उन्हें यहां आकर ही पता चला कि आखिर नाग चाहता क्या है?  यहां पर 1984 से हर नागपंचमी पर ये आयोजन होता आ रहा है, जहां कथित तौर पर नागों की परेड होती है। अब इसके पीछे सच्चाई जो भी हो लेकिन आज के दौर में भी ऐसे आयोजन अंधविश्वास नहीं तो और क्या हैं?

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