Reported By: Nasir Gouri
,ग्वालियर: Gwalior News, ग्वालियर जिले की सबसे बड़ी और प्रसिद्ध रामलीला समिति में एक बड़ा विवाद सामने आया है। राम बारात के पूर्व संयोजक गुड्डू नूरआलम वारसी को हिन्दू संगठनों के विरोध के चलते समिति द्वारा पद से हटा दिया गया है। गुड्डू नूरआलम वारसी ने IBC24 से बातचीत में इस विरोध को समझने से इंकार करते हुए कहा, “मैं मुस्लिम हूँ, इसलिए मुझे हटाया गया है, लेकिन मेरे अंदर भगवान श्रीराम की आस्था को कोई नहीं हटा सकता। श्रीराम मेरे मन में बसे हुए हैं और मैं उनकी सेवा करता रहूंगा।”
गुड़़डू नूरआलम वारसी ने बताया कि वे पिछले 25 वर्षों से रामलीला आयोजन से जुड़े थे और पिछले 10 वर्षों से संयोजक के रूप में जिम्मेदारी निभा रहे थे। उन्होंने कहा, “रामलीला का आयोजन यहाँ पिछले 79 वर्षों से होता आ रहा है। पिछले आयोजन में मैंने केवट संवाद निभाया था और राम बारात में रामजी की मूर्ति के साथ पैदल चलकर हिस्सा लिया था।”
रामलीला आयोजन के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल ने इस मामले पर कहा, “हिन्दू संगठनों के विरोध के कारण गुड्डू नूरआलम वारसी को हटाया गया है। हमने SP को सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। हमें दुःख है कि इतने सालों से जुड़े व्यक्ति को हटाना पड़ा।”
रामलीला आयोजन ग्वालियर में सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। अब इस विवाद के कारण आयोजन के आगामी संस्करण में क्या बदलाव होंगे, यह देखना बाकी है।
बता दें कि ग्वालियर में रामलीला समिति का हिन्दू संगठनों ने विरोध किया था। जिसके तहत मुस्लिम व्यक्ति को संयोजक बनाएं जाने का विरोध किया था। समिति ने संयोजक पद से पूर्व पार्षद गुड्डू नूरआलम वारसी को हटाया था। उन्हे राम बारात के संयोजक पद से हटाया गया था।