School For Drone Warfare: भारतीय सेना की बड़ी पहल.. यहां खोला गया देश का पहला ड्रोन युद्ध स्कूल, जानें इस अनोखे विद्यालय के बारें में

एडीजी शमशेर ने आगे कहा, "हमने पिछले पांच सालों में सीमा पर हुई सभी घटनाओं की जानकारी का विश्लेषण किया है। हमारे पास फोरेंसिक विवरण हैं। हमने तकनीक का विश्लेषण किया और सीमा पर अपने अनुभव के आधार पर अपने प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तैयार किए।"

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  • Publish Date - September 25, 2025 / 02:19 PM IST,
    Updated On - September 25, 2025 / 02:19 PM IST

School For Drone Warfare tekanpur || Image- IBC234 News File

HIGHLIGHTS
  • टेकनपुर में देश का पहला ड्रोन युद्ध स्कूल
  • बीएसएफ को मिले आक्रामक व रक्षात्मक ड्रोन क्षमताएँ
  • ड्रोन कमांडो कोर्स में जवानों का प्रशिक्षण शुरू

School For Drone Warfare BSF: टेकनपुर: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की सीमाओं पर बदलते खतरों के जवाब में, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने आक्रामक और रक्षात्मक मानव रहित हवाई क्षमताओं का निर्माण करने के लिए मध्य प्रदेश के टेकनपुर में अपने प्रशिक्षण अकादमी में देश का पहला ड्रोन युद्ध स्कूल स्थापित किया है।

कौन ले रहा यहां प्रशिक्षण?

पिछले महीने स्थापित, 40 अधिकारियों वाले इस पहले बैच ने एक सप्ताह का “ड्रोन ओरिएंटेशन” कोर्स किया। इसमें सभी बीएसएफ फ्रंटियर और सहायक प्रशिक्षण केंद्रों (एसटीसी) से कमांडेंट और सेकेंड-इन-कमांड स्तर के अधिकारी शामिल थे। वर्तमान में, 47 कर्मियों का एक दूसरा समूह गहन छह-सप्ताह के “ड्रोन कमांडो कोर्स” के लिए नॉमिनेटेड है, जिसमें मातहत अधिकारी, सहायक उप-निरीक्षक और कांस्टेबल रैंक के प्रशिक्षु शामिल हैं।

ड्रोन स्कूल में किस तरह प्रशिक्षण?

School For Drone Warfare BSF: टेकनपुर के एडीजी और निदेशक ने बताया कि, ड्रोन उड़ाना, रणनीति, अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) और ड्रोन से बढ़ती तस्करी और धमकी की रणनीति के बारे में स्कूल में इन कर्मियों को सिखाया जाएगा।

अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) और बीएसएफ अकादमी, टेकनपुर के निदेशक शमशेर सिंह ने एएनआई को बताया कि बल को पिछले चार से पांच वर्षों से सीमा पर ड्रोन-सक्षम नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी का सामना करना पड़ रहा है, और ऑपरेशन सिंदूर के बाद उन चुनौतियों ने नए रूप ले लिए हैं। एडीजी ने कहा, “इन चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना करने, अपनी जनशक्ति को प्रशिक्षित करने और अपने बल को सुसज्जित करने के लिए, ताकि वे इन चुनौतियों का सामना कर सकें, हमने पिछले महीने ड्रोन युद्ध स्कूल की स्थापना की है।”

School For Drone Warfare BSF: अधिकारी ने बताया, “स्कूल, जिसका एक बैच पहले ही स्नातक हो चुका है और वर्तमान में दूसरे बैच को प्रशिक्षण दे रहा है उनका तीन विंगों में संगठित है। इनमें उड़ान और विमानचालन, रणनीति, और अनुसंधान एवं विकास शामिल है। रणनीति विंग प्राथमिक फोकस है। यह आक्रामक और रक्षात्मक संचालनों को एकीकृत करता है और संयुक्त भूमिकाओं में काम करने के लिए अधिकारियों और सैनिकों को एक साथ प्रशिक्षित करता है।”

एडीजी शमशेर ने आगे कहा, “हमने पिछले पांच सालों में सीमा पर हुई सभी घटनाओं की जानकारी का विश्लेषण किया है। हमारे पास फोरेंसिक विवरण हैं। हमने तकनीक का विश्लेषण किया और सीमा पर अपने अनुभव के आधार पर अपने प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तैयार किए।” उन्होंने कहा, “पाठ्यक्रमों में ड्रोन हमलों से बचाव, दुष्ट या दुश्मन ड्रोनों को निष्क्रिय करने तथा ड्रोन गश्ती को व्यापक सीमा-प्रबंधन कार्यों में एकीकृत करने पर मॉड्यूल शामिल हैं।” अधिकारी ने संकेत दिया कि बीएसएफ भविष्य में सीमा के संवेदनशील हिस्सों पर ड्रोन गश्त की तैनाती की योजना बना रही है।

Q1: ड्रोन युद्ध स्कूल कहाँ स्थित है?

टेकनपुर, मध्य प्रदेश में बीएसएफ अकादमी में स्थित है।

Q2: किस तरह के कोर्स होंगे?

ओरिएंटेशन, ड्रोन कमांडो कोर्स और रणनीति व आरएंडडी मॉड्यूल होंगे।

Q3: इसका उद्देश्य क्या है?

सीमा पर ड्रोन खतरों से निपटना और निगरानी क्षमताएँ बढ़ाना।