Gwalior News: 100 करोड़ के गहनों से सजे राधा-कृष्ण, गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, 200 जवानों की सुरक्षा में खुले दर्शन

Gwalior News: 100 करोड़ के गहनों से सजे राधा-कृष्ण, गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, 200 जवानों की सुरक्षा में खुले दर्शन

  • Reported By: Nasir Gouri

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  • Publish Date - August 16, 2025 / 12:58 PM IST,
    Updated On - August 16, 2025 / 01:05 PM IST

Gwalior News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • 100 करोड़ के गहनों से सजे राधा-कृष्ण,
  • गोपाल मंदिर में दिखा स्वर्ग जैसा नज़ारा,
  • 200 जवानों की सुरक्षा में खुले दर्शन,

ग्वालियर: Gwalior News:  आज देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है। जब जन्माष्टमी की बात हो और ग्वालियर शहर के फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर और राधा-कृष्ण के 100 करोड़ के बेशकीमती गहनों का जिक्र न हो ऐसा हो नहीं सकता। जन्माष्टमी पर ग्वालियर के गोपाल मंदिर में भगवान राधा-कृष्ण 100 करोड़ के गहनों से सिंगार करते हैं।

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Gwalior News:  सिंधिया रियासत के समय के इन सोने के गहनों में हीरा, नीलम, पन्ना, माणिक और पुखराज जैसे बेशकीमती रत्न जड़े हैं। यह गहने एंटिक हैं। इन्हें साल भर बैंक के लॉकर में विशेष सुरक्षा में रखा जाता है। जन्माष्टमी की सुबह उनको कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच बैंक के लॉकर से निकालकर लाया गया है। जिसके बाद गहनों और उनमें जड़े रत्नों की गणना करने के बाद भगवान राधा-कृष्ण को यह गहने पहनाए गए है। जिसके बाद भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर के पट खोल दिए गए है।

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Gwalior News:  दरअसल गोपाल मंदिर की स्थापना 1921 में ग्वालियर रियासत के तत्कालीन शासक माधवराव सिंधिया प्रथम ने की थी। उन्होंने भगवान की पूजा के लिए चांदी के बर्तन और पहनाने के लिए रत्न जड़ित सोने के आभूषण बनवाए थे। इनमें राधा-कृष्ण के 55 पन्ना जड़ित सात लड़ी का हार, सोने की बांसुरी जिस पर हीरे और मालिक लगे हैं, सोने की नथ, जंजीर और चांदी के पूजा के बर्तन हैं। हर साल जन्माष्टमी पर इन जेवरातों से राधा-कृष्ण का शृंगार किया जाता है। इस स्वरूप को देखने के लिए भक्त सालभर का इंतजार करते हैं।

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Gwalior News:  यही वजह है कि भक्तों का दर्शन के लिए तांता लगा रहता है। इनमें विदेशी भक्त भी शामिल रहते हैं। वहीं गोपाल मंदिर में 100 करोड़ रुपए के एंटीक व बेशकीमती गहनों से सजे राधा-कृष्ण की सुरक्षा के लिए 200 से ज्यादा जवान व अफसर तैनात गए है। साथ ही मंदिर के अंदर से लेकर बाहर तक और सड़कों तक एक सैकड़ा CCTV कैमरे लगाए गए है।

"ग्वालियर गोपाल मंदिर जन्माष्टमी" पर दर्शन कब से शुरू होते हैं?

जन्माष्टमी की सुबह गहनों का शृंगार होने के बाद दोपहर से गोपाल मंदिर के पट भक्तों के लिए खोल दिए जाते हैं।

"गोपाल मंदिर के 100 करोड़ के गहनों" को आम दिनों में देखा जा सकता है क्या?

नहीं, ये गहने साल में केवल जन्माष्टमी के अवसर पर ही बैंक लॉकर से निकालकर भगवान को पहनाए जाते हैं और आम दर्शन के लिए प्रदर्शित किए जाते हैं।

क्या "गोपाल मंदिर जन्माष्टमी" के दौरान विशेष सुरक्षा व्यवस्था की जाती है?

हां, लगभग 200 से ज्यादा पुलिस जवान और अधिकारी सुरक्षा में तैनात रहते हैं, साथ ही सैकड़ों CCTV कैमरों से निगरानी की जाती है।

"ग्वालियर जन्माष्टमी 2025" पर क्या विदेशी भक्त भी दर्शन के लिए आते हैं?

जी हां, गोपाल मंदिर में सजाए गए बेशकीमती गहनों और ऐतिहासिक महत्व के कारण देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं।

"गोपाल मंदिर राधा-कृष्ण के गहनों" में कौन-कौन से रत्न जड़े होते हैं? Gwalior Janmashtami, Gopal Mandir Gwalior, Radha Krishna jewelry, Gwalior temple gold ornaments, 100 crore temple jewelry, antique temple jewels, Sindhiya dynasty temple, Janmashtami 2025 Gwalior, Gwalior temple security, precious stones temple, Indian temple festivals, diamond-studded deity ornaments, Gwalior cultural heritage, Madhavrao Scindia temple, Janmashtami celebration India, Indian temple traditions, Radha Krishna darshan Gwalior, Gwalior tourism, historical temples India, luxury deity ornaments

इन गहनों में हीरा, नीलम, पन्ना, माणिक और पुखराज जैसे बेशकीमती रत्न जड़े होते हैं।