Gwalior Smart City : फ्लॉप शो साबित हो रही ग्वालियर स्मार्ट सिटी, विवादों में फंसी योजनाएं, भ्रष्टाचार के आरोप और अब ED करेगी जांच
फ्लॉप शो साबित हो रही ग्वालियर स्मार्ट सिटी, विवादों में फंसी योजनाएं...Gwalior Smart City: Gwalior Smart City is proving to be a flop show
Gwalior Smart City: Image Source- IBC24
ग्वालियर : Gwalior Smart City मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत चल रहे कार्यों को लेकर सवाल उठने लगे हैं। स्मार्ट सिटी का उद्देश्य था शहर में स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं का विकास करना, लेकिन न तो काम समय पर हुए और न ही उनकी गुणवत्ता उम्मीदों के अनुसार थी। इसके चलते ग्वालियर स्मार्ट सिटी विकास निगम पर भ्रष्टाचार और अन्य आरोप लगाए जा रहे हैं।
स्मार्ट सिटी का उद्देश्य भटका
Gwalior Smart City स्मार्ट सिटी मिशन के तहत ग्वालियर को स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर देना था, लेकिन स्मार्ट सिटी कंपनी ने जिन कार्यों को खुद कर लिया, वे अन्य विभागों, जैसे निगम, पीडब्लूडी, पीएचई के अधीन थे। नतीजा यह हुआ कि शहर के मौजूदा कामों पर ज्यादा ध्यान दिया गया और नए स्मार्ट सुविधाओं का विकास लगभग न के बराबर हुआ।
हजारों करोड़ की योजनाएं, फिर भी बदलाव नहीं
Gwalior Smart City ग्वालियर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने पिछले नौ सालों में करीब 1000 करोड़ रुपए में से 941 करोड़ खर्च किए हैं, लेकिन इस खर्च के बावजूद ग्वालियर को स्मार्ट बनाने का वादा पूरा नहीं हो सका। महापौर डॉ शोभा सिंह सिकरवार ने कहा कि स्मार्ट सिटी के अधिकारियों की लापरवाही के कारण कामों में भारी देरी हो रही है।
विभिन्न योजनाओं की स्थिति
Gwalior Smart City स्मार्ट सिटी के तहत ग्वालियर में दो प्रमुख योजनाएं चल रही थीं – एरिया बेस्ड डेवलपमेंट (ABD) और पैन सिटी। ABD में महाराज बाड़ा और उसके आसपास के इलाके में काम किया गया था, जिसके लिए 245 करोड़ खर्च किए गए। वहीं, पैन सिटी परियोजना में शहर के अन्य हिस्सों में स्मार्ट सुविधाओं का निर्माण किया गया। इसमें स्मार्ट पार्किंग, पब्लिक बाइक शेयरिंग, स्मार्ट वाशरूम, सेल्फी प्वाइंट, और कई अन्य सुविधाएं शामिल थीं।
भ्रष्टाचार के आरोप और जांच
Gwalior Smart City स्मार्ट सिटी के कामों में भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद, ग्वालियर नगर निगम की परिषद ने इस मामले की जांच के लिए ईडी (इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट) को आदेश दिए हैं। बावजूद इसके, स्मार्ट सिटी के कामों में गति नहीं आ रही है।
केंद्र सरकार की नजरें
Gwalior Smart City स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की समय सीमा पहले 2023 में खत्म होने वाली थी, लेकिन पिछले साल केंद्र सरकार ने इसे बढ़ाकर 31 मार्च 2025 कर दिया है। इसके बावजूद, स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि स्मार्ट सिटी परियोजना में धीमी प्रगति से स्पष्ट है कि यह समय सीमा भी पूरी नहीं हो पाएगी।
विवादों में फंसी ग्वालियर स्मार्ट सिटी के योजनाओं के मुख्या बिंदु
- स्मार्ट सिटी के कार्यों में लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप।
- ग्वालियर के विभिन्न हिस्सों में स्मार्ट सुविधाओं का निर्माण।
- 1000 करोड़ में से अधिकांश राशि का व्यय, लेकिन परिणाम न्यूनतम।
- नगर निगम और अन्य विभागों द्वारा कार्यों में देरी और निगरानी की कमी।
- ईडी द्वारा भ्रष्टाचार की जांच की मांग। Gwalior Smart City
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