बच्चों में एचआईवी संक्रमण मिलना शासन तंत्र की विफलता, स्वास्थ्य मंत्री इस्तीफा दें: कांग्रेस

बच्चों में एचआईवी संक्रमण मिलना शासन तंत्र की विफलता, स्वास्थ्य मंत्री इस्तीफा दें: कांग्रेस

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  • Publish Date - December 18, 2025 / 05:26 PM IST,
    Updated On - December 18, 2025 / 05:26 PM IST

भोपाल, 18 दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के सतना में थैलेसीमिया से पीड़ित छह बच्चों के एचआईवी संक्रमित पाए जाने को कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को ‘शासन तंत्र की विफलता’ करार दिया और कहा कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ला को इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए तुरंत पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और विधायक विक्रांत भूरिया ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘यह हादसा नहीं, अपराध है। 2025 में रक्त चढ़ाने से एचआईवी संक्रमित होना दुर्घटना नहीं हो सकता। खून की जांच फेल हुई, टेस्टिंग प्रोटोकॉल तोड़े गए, और निगरानी व्यवस्था ध्वस्त है। यह पूरी तरह सरकारी तंत्र की विफलता है।”

उन्होंने कहा कि सतना के सरदार वल्लभ भाई पटेल शासकीय अस्पताल के ब्लड बैंक प्रभारी और जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए तथा घटना की जिम्मेदारी लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री को पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

सतना जिला अस्पताल में 16 दिसंबर को खुलासा हुआ था कि थैलेसीमिया से पीड़ित छह बच्चे एचआईवी संक्रमित रक्त (ब्लड ट्रांसफ्यूजन) चढ़ाए जाने से इस लाइलाज बीमारी के शिकार हो गए हैं।

इनमें से एक बच्चे के माता-पिता भी इस रोग की चपेट में आ गए हैं।

यह सारे मामले इस साल जनवरी से मई के बीच सामने आए और सभी पीड़ितों का एचआईवी प्रोटोकॉल के तहत इलाज किया जा रहा है।

भूरिया ने कहा कि कई माह पूर्व ही ये बच्चे एचआईवी पॉजिटिव पाए गए थे जबकि सरकार इसे दबाने में लगी रही।

उन्होंने कहा कि सभी पीड़ित बच्चे गरीब परिवारों से हैं इसलिए सरकार को उनके जीवनभर मुफ्त इलाज और उचित मुआवजे की व्यवस्था करनी चाहिए।

कांग्रेस नेता ने कहा, “सतना में एचआईवी संक्रमित खून, छिंदवाड़ा में कफ सिरप से मौतें, इंदौर में अस्पताल में चूहों द्वारा बच्चों को कुतरना। यह इस सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है। अस्पताल असुरक्षित हो गए हैं और मोहन यादव सो रहे हैं।”

उन्होंने इस मामले में आपराधिक मुकदमा दर्ज करने और सभी ब्लड बैंकों के राज्य-स्तरीय ऑडिट की भी मांग की।

स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले के खुलासे के बाद छह सदस्यीय एक जांच समिति गठित की और सात दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा।

भाषा ब्रजेन्द्र जितेंद्र

जितेंद्र