इंदौर मेट्रो के बदलाव पर मुहर, सरकारी खजाने पर बढ़ेगा 900 करोड़ रुपये का बोझ

इंदौर मेट्रो के बदलाव पर मुहर, सरकारी खजाने पर बढ़ेगा 900 करोड़ रुपये का बोझ

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  • Publish Date - December 14, 2025 / 08:12 PM IST,
    Updated On - December 14, 2025 / 08:12 PM IST

इंदौर, 14 दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को अहम घोषणा की कि इंदौर के सघन आवासीय और वाणिज्यिक इलाकों से होकर गुजरने वाले 3.30 किलोमीटर लंबे मार्ग पर अब सड़क के ऊपर नहीं, बल्कि जमीन के अंदर मेट्रो रेल लाइन बिछाई जाएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि इस बदलाव के कारण मेट्रो रेल परियोजना की लागत में होने वाले करीब 900 करोड़ रुपये के अनुमानित इजाफे का बोझ राज्य सरकार उठाएगी।

अधिकारियों ने बताया कि मूल परियोजना के मुताबिक इंदौर में 31.32 किलोमीटर लंबा मेट्रो रेल गलियारा बनाया जाना है और इसकी प्रस्तावित लागत 7,500.80 करोड़ रुपये है।

शहर में मेट्रो रेल लाइन का निर्माण वर्ष 2019 से जारी है, लेकिन सघन आवासीय और वाणिज्यिक इलाकों में परियोजना को लगातार बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। इन इलाकों के लोग परियोजना का यह कहते हुए विरोध कर रहे हैं कि इससे आम जन-जीवन बाधित होगा और उन्हें कारोबार में परेशानी होगी।

मुख्यमंत्री यादव ने जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ एक मैराथन बैठक में शहर की विकास परियोजनाओं की समीक्षा की।

बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं को बताया,‘‘हमने तय किया है कि शहर में मेट्रो रेल लाइन के एक मुख्य हिस्से का निर्माण अब जमीन के नीचे किया जाएगा। यह फैसला बेहतर यातायात प्रबंधन, जनता की सुविधा और शहर के विकास व खूबसूरती को ध्यान में रखकर किया गया है।’’

उन्होंने कहा कि इस फैसले के कारण मेट्रो रेल परियोजना की लागत 800 से 900 करोड़ रुपये बढ़ेगी और अतिरिक्त खर्च का भुगतान राज्य सरकार के खजाने से किया जाएगा।

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में किए गए फैसले के मुताबिक खजराना चौराहे से रेलवे स्टेशन के बीच 3.30 किलोमीटर की लम्बाई में मेट्रो रेल के लिए भूमिगत लाइन बिछाई जाएगी, जबकि पहले इस लाइन का निर्माण सड़क के ऊपर पुल बनाकर किया जाना था। इस मार्ग पर घरों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों की घनी बसाहट है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि बैठक में यह भी तय किया गया कि प्रस्तावित इंदौर मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र का विस्तार किया जाएगा और अब इसकी सीमाएं पश्चिमी मध्यप्रदेश में 14,000 वर्ग किलोमीटर में फैली होंगी।

उन्होंने बताया कि इस निकाय में इंदौर के साथ ही उज्जैन, देवास, धार, रतलाम और शाजापुर जिलों के हिस्से शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘इंदौर मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र को व्यापार, उद्योग और पर्यटन के बड़े राष्ट्रीय केंद्र के तौर पर विकसित किया जाएगा।’’

इस बीच, यादव ने शहर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) के नये भवन के निर्माण की नींव भी रखी।

अधिकारियों ने बताया कि 773 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस भवन में मरीजों के लिए 1,450 बिस्तरों की सुविधा होगी।

एमवायएच की गिनती सूबे के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में होती है।

भाषा हर्ष नोमान

नोमान