Reported By: Vinod Wadhwa
,Minister Vijay Shah Controversy: 'सीएम का सम्मान नहीं करेंगे तो कराएंगे लाडली बहनों की जांच' फिर सुर्खियों में आए मंत्री विजय शाह / image; ibc24
रतलाम: Minister Vijay Shah Controversy अपने विवादित बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह एक बार फिर सुर्खियों में हैं। मंत्री विजय शाह ने लाडली बहनों को लेकर कहा है कि ”जो लाडली बहनें सीएम का सम्मान नहीं करेगी उनकी जांच करेंगे, सरकार करोड़ दे रही है तो बहनों को थैंक यू तो बोलना चाहिए।” बता दें कि मंत्री विजय शाह ने पहली बार विवादित बयान नहीं दिया है। इससे पहले भी उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसके चलते उन्हें कोर्ट के चक्कर लगाने पड़े।
Minister Vijay Shah Controversy मिली जानकारी के अनुसार रतलाम में जिला विकास सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक के दौरान प्रभारी मंत्री विजय शाह का अहंकार सामने आया। बातों बातों में ही मंत्री शाह ने कहा कि जो लाडली बहनें सीएम का सम्मान नहीं करेगी उनकी जांच कराएंगे। मंत्री विजय शाह ने बैठक में महिला बाल विकास अधिकारी से आंकड़े पूछने के बाद यह बात कही है। ढाई लाख लाडली बहनों का आंकड़ा सामने आने के बाद मंत्री जी ने पूछा कि मुख्यमंत्री का सम्मान करने के लिए कम से कम 50 हजार लाडली बहने तो आ ही जाएगी।
मंत्री शाह ने कहा कि सरकार गरीब बहनों के जीवन में खुशहाली ला रही है, उनको 2 साल में एक बार थैंक यू तो बोलना चाहिए। जांच के बाद ही देखेंगे, किसी के आधार में, वो लिंक नहीं है, जांच थोड़ी पेंडिंग कर देंगे, मतलब वह पेंडिंग हो ही जाएगी फिर सब आएगी। हम ज्यादा परेशान नहीं करना चाहते सम्मानजनक रूप से सरकार के मुखिया का सम्मान तो बनता है।
इस बयान के सामने आने के बाद अब प्रदेश के मंत्री की मुश्किलें बढ़ना लाजमी है। इसके पहले कर्नल सोफिया पर दिए बयान के बाद पूरे देश में विजय शाह की जमकर किरकिरी हुई थी। सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा था, जिसके बाद मंत्री बीते कई महीने से चुप्पी साधे हुए थे। लेकिन जब मंत्री जी ने एक बार फिर रतलाम में मुंह खोला तो ऐसा बयान दे डाला जो अब फिर से सुर्खियों में है। इतना ही नहीं मंत्री जी ने ऊर्जा विकास विभाग के मैकेनिक संतोष तंवर को भी चुटकी बजाकर बाहर का रास्ता दिखा दिया- कहा बाहर निकालो। दरअसल मंत्री जी इस बात से नाराज थे कि कार्यपालन यंत्री ने खुद आने की बजाय बैठक में मैकेनिक को भेज दिया।