Face To Face Madhya Pradesh | Photo Credit: IBC24
भोपाल: Face To Face Madhya Pradesh मध्यप्रदेश के तीन शहरों में हिंसा, उत्पीड़न और मंदिर में प्रवेश की मनाही की घटनाएं हुईं। तीनों घटनाओं में पीड़ित पक्ष दलित है। जाहिर तौर पर इसे लेकर विपक्ष ने शोर मचाना शुरू कर दिया है और इसे दलित उत्पीड़न से जोड़ रहा है। अब सवाल ये है कि क्या मामला जातीय विद्वेष है या फिर स्थानीय विवाद जिनको आपस में जोड़कर देखना सही नहीं है?
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Face To Face Madhya Pradesh इंदौर, मुरैना और छतरपुर की ये तीनों घटनाएं हुई तो स्थानीय तौर पर है लेकिन इस समय ये मुद्दा पूरे प्रदेश का मुद्दा बना हुआ है। इंदौर में दूल्हे को मंदिर में जाने से रोका गया है। पुजारी ने मंदिर में ताला लगा दिया। उधर मुरैना में भीमराव अंबेडकर की जयंती पर शोभा यात्रा निकालने के दौरान तेज आवाज में गाना बजाने को लेकर दो समाज के बीच विवाद हुआ। जिसमें एक गुट ने दूसरे गुट पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी..गोली लगने से एक युवक की मौत हो गई और छतरपुर में दंबगों ने दलित परिवार पर हमला किया है जिसमें तीन लोग जखमी हो गए है। अब तीन मुद्दों को आधार बनाते हुए कांग्रेस कह रही है बीजेपी में दलितों के साथ अत्याचार हो रहा है।
कांग्रेस के आरोप पर बीजेपी ने हमारी सरकार में ऐसा नहीं होता। हम सब के साथ सबके विश्वास की बात करत हैं। कोई घटना हुई है तो उन्हें दंडित किया जाएगा। हालांकि बाद में दलित दूल्हे को लेकर स्थानीय लोग राम मंदिर पहुंचे और हनुमान चालीसा का पाठ भी किया, लेकिन एक बात तो तय है दूल्हे को मंदिर में प्रवेश से रोकना ये बाताता कि समाज अभी भी दलितों को वो जगह समाज में नहीं दे पाया। जिसका जिक्र आए राजनीतिक दल करते हैं।