Mystery of the Balancing Rock in Jabalpur
अभिषेक शर्मा, जबलपुर। शहर में ग्रेनाइट चट्टानों की पहाड़ियां न केवल जबलपुर बल्कि विश्व पटल पर विख्यात हैं। मदन महल पहाड़ी पर स्थित बैलेंसिंग रॉक एशिया के तीन बैलेंस रॉक में शामिल है। ये तीनों भारत में ही हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि बैलेंसिंग रॉक के नाम से दुनिया जबलपुर को जानती है। जबलपुर में एक ऐसा ही पत्थर है जो अपनी बनावट को लेकर चर्चा में बना रहता है। इसे बैलेंसिंग रॉक कहा जाता है। कई क्विंटल वजनी ये पत्थर महज कुछ इंच के बेस से अपनी जगह पर खड़ा है।
इसका बैलेंस ऐसा है कि बड़े से बड़े भूकंप के झटके भी इसे आज तक हिला नहीं पाए। यही वजह है कि जबलपुर की ये बैलेंसिंग रॉक आज भी लोगों के बीच रहस्य का विषय बना हुआ है, कि पेंसिल की नोंक जितने कम बेस पर ये विशालकाय पत्थर इतनी मजबूती से कैसे टिका हुआ है। इसी रहस्य को देखने के लिए यहां हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक जबलपुर आते हैं।
बैलेंसिंग रॉक के चमत्कार को विशेषज्ञों ने सुलझाने की कोशिश की है, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इतना ही नहीं साल 1997 में जबलपुर में आए भंकूप के झटकों का भी इस बैलेंसिंग रॉक पर असर नहीं पड़ा,जबकि भूकंप ने जबलपुर में भारी तबाही मचाई थी,उस दौरान कई इमारत भूकंप के झटकों से जमींदोज हो गई थी,कई जानें भी गई थीं,लेकिन पूरे शहर में एक बैलेंसिंग रॉक ही था,जिस पर भूकंप के झटकों का कोई असर नहीं पड़ा था।