Jabalpur News: इन गरीब किसानों के नाम पर हो गया करोड़ों का घोटाला, असली मालिकों को नहीं मिली न उपज की कीमत, न खाद, जानिए मूंग घोटाले की पूरी कहानी

Jabalpur News: इन गरीब किसानों के नाम पर हो गया करोड़ों का घोटाला, असली मालिकों को नहीं मिली न उपज की कीमत, न खाद, जानिए मूंग घोटाले की पूरी कहानी

  • Reported By: Dharam Goutam

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  • Publish Date - August 27, 2025 / 04:14 PM IST,
    Updated On - August 27, 2025 / 04:14 PM IST

Jabalpur News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • बलपुर में मूंग खरीदी घोटाला,
  • फर्जी सिकमी नामों से किसानों के हक पर डाका,
  • अधिकारियों की मिलीभगत से बिचौलियों ने लूटी उपज,

जबलपुर : Jabalpur News:  हमारा देश कृषि प्रधान देश है और किसानों को समृद्ध बनाने के लिए सत्ता में बैठी सरकारें तमाम दावे भी करती हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर काम करने वाले अधिकारियों की लापरवाही के कारण देश का किसान कई बार भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ जबलपुर में, जहां पहले धान और गेहूं खरीदी में बड़े घोटाले सामने आए, तो अब मूंग खरीदी में भी एक बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। इस मामले में अब किसान संघ ने पुख्ता सबूतों के साथ दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।

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Jabalpur News:  तस्वीरों में दिखाई दे रहे ये लोग वे अन्नदाता हैं, जिनकी मेहनत से हमारे पेट की भूख मिटती है। ये सभी किसान उस सिस्टम की लापरवाही का शिकार हुए हैं, जिसे जिम्मेदार लोग दीमक की तरह खोखला कर रहे हैं। अब ये किसान जबलपुर के पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर उन लोगों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं जिन्होंने इनके हक पर डाका डाला है। दरअसल, जबलपुर के पथरिया गांव के 50 से अधिक किसानों के नाम पर फर्जी ‘सिकमी नामा’ यानी ज़मीन का किरायानामा बनाकर उनके नाम से समर्थन मूल्य पर मूंग की बिक्री कर दी गई। इतना ही नहीं, बहुत से किसानों के नाम पर फर्जी तरीके से खाद-यूरिया भी निकाल ली गई।

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Jabalpur News:  मामले का खुलासा तब हुआ जब कुछ किसान खाद-यूरिया लेने सरकारी गोदामों में पहुंचे तो पता चला कि उनके हिस्से की खाद तो कोई और ले जा चुका है। इसके अलावा, फर्जी सिकमी नामा के आधार पर बिचौलियों ने किसानों के नाम पर मूंग बेच डाली और असली किसान, जो ज़मीन के मालिक हैं, उन्हें ना तो खाद मिल पाई, ना ही वे समर्थन मूल्य पर अपनी उपज सरकार को बेच सके। इस फर्जीवाड़े को इतनी सफाई से अंजाम दिया गया कि असली किसानों को इसकी भनक तक नहीं लगी।

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Jabalpur News:  सबसे बड़ी बात यह है कि जमीन का किरायानामा, जिसे किसान आम भाषा में सिकमी नामा कहते हैं, तहसीलदार के सामने असली ज़मीन मालिक और किराए से ज़मीन लेने वाले व्यक्ति की मौजूदगी में ही तैयार होता है। लेकिन चूंकि फर्जीवाड़ा करना था, इसलिए सभी नियमों को दरकिनार करते हुए यह सिकमी नामा फर्जी तरीके से तैयार कराया गया। किसानों के साथ हुए इस धोखाधड़ी की जानकारी लगने पर भारतीय किसान संघ सामने आया और अब पुलिस और प्रशासन से दोषियों व जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है। किसान संघ ने पुलिस को एक शपथ पत्र सौंपते हुए उन बिचौलियों की सूची भी सौंपी है, जिन्होंने इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया।

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Jabalpur News:  पथरिया गांव के इन सभी किसानों ने शहपुरा ब्लॉक के MLT वेयरहाउस में समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी के दौरान हुए फर्जीवाड़े की शिकायत कलेक्टर से भी की थी। इसके बाद जिला प्रशासन की टीम ने मौके पर जांच की तो ऑनलाइन पोर्टल में दर्ज मूंग और मौके पर पाई गई मूंग में बड़ा अंतर सामने आया। प्रशासन ने माना कि मूंग खरीदी में गंभीर अनियमितताएं हुई हैं। इसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर एक जांच टीम गठित की गई है। टीम अब SDM के समक्ष जेन्युइन किसानों का वेरिफिकेशन करेगी और इसके बाद ही उनके भुगतान की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।

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Jabalpur News:  भारतीय किसान संघ द्वारा पुलिस को शपथ पत्र पर शिकायत के साथ-साथ उन लोगों के नाम और अकाउंट नंबर भी सौंपे गए हैं, जिनके नाम पर फर्जी सिकमी नामे बनाए गए थे। संघ ने कुछ जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग की है, जिस पर पुलिस अधिकारी अब जांच कर दोषियों पर उचित कार्रवाई की बात कह रहे हैं। चिलचिलाती धूप हो या हाड़ कंपा देने वाली ठंड, किसान कभी मेहनत से पीछे नहीं हटता। अन्नदाता की मेहनत से ही हमें दो वक्त का भोजन नसीब होता है। लेकिन कुछ गैर-जिम्मेदार अधिकारियों के चलते, जब किसानों के साथ इस तरह के फर्जीवाड़े होते हैं, तो उनके लिए चलाई जा रही योजनाएं भी दम तोड़ती नज़र आती हैं।

"जबलपुर मूंग खरीदी घोटाला" क्या है और इसमें कितने किसान प्रभावित हुए हैं?

इस घोटाले में 50 से अधिक किसानों के नाम पर फर्जी सिकमी नामा बनाकर मूंग बेची गई और खाद-यूरिया उठा ली गई। असली किसानों को इसका कोई लाभ नहीं मिला।

"फर्जी सिकमी नामा" कैसे तैयार किया गया और कौन जिम्मेदार है?

बिना असली ज़मीन मालिक की उपस्थिति के तहसील स्तर पर नियमों की अनदेखी कर फर्जी सिकमी नामा तैयार किए गए। इसमें बिचौलिए और कुछ अधिकारी जिम्मेदार माने जा रहे हैं।

"MLT वेयरहाउस मूंग खरीदी" में कितनी अनियमितताएं पाई गईं?

प्रशासन की जांच में ऑनलाइन दर्ज मूंग और मौके पर मौजूद मूंग में बड़ा अंतर पाया गया, जिससे साबित होता है कि फर्जीवाड़ा सुनियोजित था।

"भारतीय किसान संघ" ने इस घोटाले में क्या भूमिका निभाई है?

संघ ने पीड़ित किसानों की ओर से शिकायत दर्ज कराई, शपथ पत्र दिए और दोषियों के नाम व अकाउंट नंबर भी पुलिस को सौंपे हैं।

क्या "मूंग खरीदी घोटाले" के बाद कोई कार्रवाई हुई है?

जिला प्रशासन ने जांच टीम गठित की है और SDM के समक्ष किसानों का वेरिफिकेशन किया जा रहा है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।