Publish Date - May 21, 2025 / 08:05 PM IST,
Updated On - May 21, 2025 / 08:05 PM IST
Rajesh Verma Molestation Case | Image Source | IBC24
जबलपुर: Rajesh Verma Molestation Case: रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में एक महिला अधिकारी से छेड़छाड़ के मामले में कुलगुरु प्रोफेसर राजेश कुमार वर्मा की मुश्किलें अब और बढ़ गई हैं। जबलपुर हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच टीम (SIT) के गठन का आदेश दिया है।
Rajesh Verma Molestation Case: हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) को निर्देश दिए हैं कि वह तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एक एसआईटी गठित करें जिसमें सभी सदस्य जबलपुर जिले के बाहर के हों। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह एसआईटी तीन दिनों के भीतर गठित होनी चाहिए और मामले की गहन जांच कर अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में प्रस्तुत करे।
Rajesh Verma Molestation Case: यह मामला तब प्रकाश में आया जब रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की एक महिला अधिकारी ने कुलगुरु प्रोफेसर राजेश कुमार वर्मा पर छेड़छाड़ के गंभीर आरोप लगाए। पीड़िता का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई जिसके चलते उन्होंने जबलपुर हाईकोर्ट की शरण ली।
Rajesh Verma Molestation Case: सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय प्रशासन से घटनादिनांक के CCTV फुटेज प्रस्तुत करने को कहा था लेकिन विश्वविद्यालय ने जवाब दिया कि उस दिन कैमरे खराब थे। इस पर संदेह व्यक्त करते हुए हाईकोर्ट ने जबलपुर कलेक्टर को इस जवाब की सत्यता की जांच के निर्देश दिए। कलेक्टर द्वारा अपनी रिपोर्ट में विश्वविद्यालय की सफाई को असंतोषजनक बताते हुए कोर्ट को अवगत कराया गया जिसके बाद हाईकोर्ट ने मामला SIT को सौंपने का आदेश जारी किया।
"राजेश कुमार वर्मा छेड़छाड़ मामला" में SIT जांच क्यों जरूरी समझी गई?
राजेश कुमार वर्मा छेड़छाड़ मामले में विश्वविद्यालय द्वारा कैमरा खराब होने की बात और प्रशासन की लापरवाही को लेकर हाईकोर्ट ने संदेह जताया। इसलिए निष्पक्ष जांच के लिए जबलपुर हाईकोर्ट ने SIT गठित करने के आदेश दिए।
"राजेश कुमार वर्मा छेड़छाड़ मामला" में SIT की टीम कौन बनाएगा?
मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) को आदेश दिया गया है कि वे जबलपुर जिले के बाहर के तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की SIT गठित करें।
"राजेश कुमार वर्मा छेड़छाड़ मामला" की जांच रिपोर्ट कब तक देनी है?
हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि गठित SIT तीन दिनों के भीतर जांच शुरू करे और जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करे।
"राजेश कुमार वर्मा छेड़छाड़ मामला" में विश्वविद्यालय प्रशासन की क्या भूमिका रही?
पीड़िता के अनुसार, विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। इसके अलावा, प्रशासन ने सीसीटीवी फुटेज देने से इनकार कर दिया कि कैमरे खराब थे, जिसे कोर्ट ने असंतोषजनक माना।
"राजेश कुमार वर्मा छेड़छाड़ मामला" में अगली कानूनी प्रक्रिया क्या होगी?
SIT की जांच रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट अगली सुनवाई में निर्णय लेगा कि राजेश कुमार वर्मा के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई की जाए।