Retirement Age Increase Update: रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने पर दो महीने के भीतर होगा फैसला!.. सेवानिवृत्ति की आयु पर बड़ा अपडेट आया सामने
सुको ने कहा कि रिटायरमेंट ऐज 61 वर्ष करने में कोई कानूनी अड़चन नहीं है। सीजेआई बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बैंच ने इसके लिए एमपी हाईकोर्ट से अपने प्रशासनिक पक्ष के मुद्दे पर दो महीने के भीतर फैसला लेने को भी कहा है।
Retirement Age Increase of District Court Judges || Image- Orgniser File
- सुप्रीम कोर्ट ने जिला जजों की रिटायरमेंट उम्र 61 वर्ष करने पर सहमति जताई।
- एमपी हाईकोर्ट को दो महीने में सेवानिवृत्ति उम्र पर निर्णय लेने का निर्देश मिला।
- उम्र वृद्धि का अंतिम फैसला एमपी हाईकोर्ट के प्रशासनिक पक्ष की सहमति पर निर्भर होगा।
Retirement Age Increase of District Court Judges: भोपाल: देशभर में शासकीय कर्मचारियों की तरफ से उनकी सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने की मांग लगातार की जाती रही है। इन मांगो पर सरकार की तरफ कई दफे फैसले भी लिए जाते रहे है और उनके रिटायरमेंट की उम्र में वृद्धि की जाती रही है। इसके उलट कर्मचारियों को वीआरएस का विकल्प भी दिया जाता है। यानि वह अपनी अवस्था और कार्यक्षमता के अनुसार तय उम्र से पहले भी ऐच्छिक रूप से सेवा से निवृत्त हो सकते है।
हालांकि इस बार मामला सरकारी कर्मचारी या अधिकारी से नहीं बल्कि न्याय विभाग के जजों और उनके उम्र से सम्बंधित है।
Retirement Age Increase of District Court Judges: दरअसल मध्यप्रदेश राज्य में न्यायधीशों के सेवानिवृत्ति के उम्र में इजाफा किये जाने को लेकर नया अपडेट सामने आया है। देश के सर्वोच्च अदालत ने भी इस मामले में अहम् टिप्पणी करते हुए उम्र बढ़ाये जाने के किसी भी फैसले पर अपनी सहमति जाहिर की है। सुको ने स्पष्ट किया है कि, मध्यप्रदेश के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जजों के रिटायरमेंट की उम्र 61 साल करने में कोई समस्या नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायलय को इस मामले में दो महीने के भीतर निर्णय लेने के निर्देश दिए है।
बता दें कि, सुको ने कहा कि रिटायरमेंट ऐज 61 वर्ष करने में कोई कानूनी अड़चन नहीं है। सीजेआई बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बैंच ने इसके लिए एमपी हाईकोर्ट से अपने प्रशासनिक पक्ष के मुद्दे पर दो महीने के भीतर फैसला लेने को भी कहा है। बैंच ने कहा कि उम्र में किसी भी तरह का इजाफा एमपी हाईकोर्ट के प्रशासनिक पक्ष पर निर्णय के अधीन ही होगी। अगर एचसी अपने फैसले में आयु सीमा में वृद्धि करते है तो वह भी इस निर्णय से सहमत होंगे। ऐसे में जब सुको ने अपनी सहमति प्रदान कर दी है तो संभव है कि एमपी हाईकोर्ट सुको के मुताबिक़ ही किसी तरह का निर्णय लेगी और जिला जजों के रिटायरमेंट की उम्र में वृद्धि को हरी झंडी देगी।

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