PM Modi Jhabua Speech: झाबुआ। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी लोकसभा चुनाव के लिए लोकसभा के मिशन 2024 का आगाज करने के लिए मध्य प्रदेश के झाबुआ दौरे पर है। झाबुआ पहुंचे पीएम मोदी ने झाबुआ जिले को कई बड़ी सौगातें दी। पीएम मोदी ने रिमोट बटन दबाकर विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण किया। पीएम ने साढ़े सात हजार करोड़ रुपयों की लागत वाली कई योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इसके बाद भगवा कॉरिडोर में रोड शो कर जनता के बीच पहुंचे। इसके बाद पीएम मोदी ने जनसभा को भी संबोधित किया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री मोहन यादव उपस्थित रहे।
यहां पीएम मोदी ने बाबा डूंगर गौड़ की जय के नारे के साथ भाषण की शुरूआत की। इसके बाद उन्होंने जनता से कैम छो भी पूछा। आगे उन्होंने कहा कि झाबुआ की गुजरात से सीमा ही नहीं लगती बल्कि इनके दिल भी मजबूती से जुड़े हुए है। जब भी मैं आपके बीच आता हूं तो अपनापन पाता हूं। इस दौरान पीएम ने सभी को भगोरिया की दी बधाई। उन्होंने कहा कि भगोरिया से पहले आपके बीच आकर उन्हें कई सौगात देने का मौका मिला। पूरे एमपी के लिए कई हजार करोड़ रुपए की योजना का लोकार्पण किया है। रतलाम, मेघनगर रेलवे स्टेशन को आधुनिक बनाने का काम शुरू हो रहा है। 2 लाख बहनों बेटियों के खातों में 1500-1500 रुपए भेजे गए है। एक साथ विकास के इतने सारे काम बता रहे है एमपी के द्वारा बनाई गई डबल इंजन की सरकार डबल तेजी से काम कर रही है इसका श्रेय प्रदेश की जनता को जाता। इसके लिए सभी को बधाई।
मेरे आने से पहले मेरी इस यात्रा को लेकर कई चर्चाएं हो रही है। कुछ लोग कह रहें है की मोदी झाबुआ में लोकसभा की लड़ाई का आगाज करेगा। मैं यहां लोकसभा के प्रचार के लिए नहीं आया हूं। मैं तो यहां सेवक के तौर पर ईश्वर रूपी जनता जनार्दन का आभार मानने आया हूं। एमपी में विधानसभा के नतीजो से आप पहले ही बता चुकें है कि आपका लोकसभा के लिए क्या मूड रहने वाला है। आपने ये भी बता दिया कि भाजपा की डबल इंजन सरकार के प्रति जन समर्थन लगातार बढ़ रहा है। इसलिए विपक्ष के बड़े-बड़े नेता संसद में खुद बोलने लगे है 2024 में 400 पार फिर एक बार मोदी सरकार। लेकिन इससे पहले एमपी की जनता ने विधानसभा चुनाव में हमें भारी जन समर्थन जताया है। जिसके बाद मैं गारंटी देता हूं कि इस विश्वास के अनूरूप आपके लिए दिन रात काम करूंगा।
कुछ दिन पहले विपक्ष से आवाज आई 400 पार तो मैने कहा कि NDA के 400 पार की बात तो मैं भी सुन रहा हूं, लेकिन मैं ये भी सुन रहा हूं कि अकेला बीजेपी 370 पार करेगा। ये सीट लाओगे कैसे? पीएम ने कहा इसके लिए मैं पब्लिकली जड़ीबुटी देता हूं। आपको आज यहां से जाकर के बस एक ही काम करना है पिछले 3 चुनाव में पोलिंग बूथ का रिजल्ट निकालों। कमल पर कितने वोट पड़े थे इसका हिसाब निकालों। फिर उसमें जिस-जिस समय जितने भी वोट पड़े है उसे लिख लो, फिर आप तय करना अब जिस बूथ में सबसे ज्यादा वोट मिले थे उस बूथ में इस बार 370 नए वोट जुड़ने चाहिए। आपके पोलिंग बूथ में जितने भी वोट सबसे ज्यादा मिले थे उसमें इस बार 370 नए वोट ज्यादा लाना है। एक एक मतदाता की सूची बनाकर उनको योजनाओं के बारे में बताएंगे। जिसके पास पहुंचा नहीं है उसको पहुचाएंगे। अगर हर बूथ में 370 वोट अतिरिक्त हो गया तो 370 पार हो जाएंगे।
एमपी ने पिछले चुनाव में बता दिया कि जनता का मिजाज क्या है। एमपी को मौका मिला तो बता दिया ऐसा मिजाज देश के कोने-कोने में है। हाल ही में राम मंदिर के अनुष्ठान के लिए मैं दक्षिण गया था वहां की माताएं, बहने, बुजुर्ग, नौजवान मुझे आशीर्वाद देने आ रहे थे। इस ताकत को मैने अनुभव किया है। जाने कितने जन्मों का पुण्य किया होगा जो मुझे इतना ज्यादा आशीर्वाद मिल रहा है। 2023 में कांग्रेस की छुट्टी हुई थी विधानसभा चुनाव में अब 2024 में पूरा सफाया होना तय है। डबल इंजन की सरकार कैसा काम करती है पूरे देश में एमपी इसका सबसे उत्तम उद्हारण है। बीते वर्षों में एमपी ने दो अलग-अलग दौर देखें है। एक डबल इंजर सरकार का ये दौर और दूसरा कांग्रेस के जमाने का काला काल। कम उम्र के युवाओँ को शायद याद भी नहीं होगा कि आज विकास के रास्ते पर तेजी से दौड़ रहा एमपी भाजपा सरकार आने से पहले देश के सबसे बिमारू राज्यो में गिना जाता था। एमपी को बिमारू बनाने के पीछे सबसे बड़ी वजह थी, गरीब और आदिवासी इलाकों के लेकर कांग्रेस का नफरत भरा रवैया नफरत,नफरत,नफरत इन लोगों ने आदिवासी समाज की कभी चिंता की न उसके सम्मान के बारे में सोचा।
इन लोगों के लिए जनजातियों का मतलब सिर्फ वोट बैंक होता था। इनके लिए गांव, गरीब और पिछड़ा की याद तब आती थी जब चुनाव की घोषणा होती थी। ये अटल की बीजेपी सरकार तथी जिसने पहली बार आदिवासी हितों के लिए अलग मंत्रालय बनाया और अलग बजट निकाला और इन लोगों का विकास और भविष्य के लिए पूरी व्यवस्था की। बीजेपी की सरकार ने वन उपज में एमएसपी में रिकॉर्ड वृद्धि की बीजेपी की ही सरकार ने 10 से बढ़ाकर 90 कर दिया। देश के आदिवासी इलाकों में वन धन केंद्र खोले है। जिससे आदिवासी इलाकों को नए हट और बाजार मिले।
हमारे लिए जनजातीय समाज वोट बैंक नहीं है हमारे लिए देश का गौरव है। हमारे देश के उज्जवल भविष्य की गारंटी हमारा जनजातिय समाज है। आपका सम्मान और विकास मोदी की गारंटी है। आपके और आपके बच्चों के सपने मोदी का संकल्प है। इसलिए भगवान विरास मुड़ा की जयंती को जनजातिय दिवस के तौर पर मनाना का फैसला मोदी सरकार ने किया। टंट्या माम के बलिदान को याजद कर आज बलिदान दिवस मनाया जाता है। उन्हीं के नाम पर आज युवाओं के लिए क्रांतिसूर्य टंट्या मामा भील विश्वविद्यालय की घोषणा करता हूं।
आज एक और महत्वपूर्ण दिवस है तिलक मांझी हमारे आदिवासी समाज का गौरव उन्होंने बिहार के भागलपुर में 1784 में भागलपुर के कमीशन क्लीमलेन को तीर मारकर मार दिया था। आज ऐसे वीर पुरूष की जन्मजयंती है जब मेरा आदिवासी समाज मेरे सामने बैठा है। आज जो कार्यक्रमों की रचना हुई है जिसके कारण अब झाबुआ, रतलाम, खरगोन, धार और आसपास के युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए न गुजरात न उंदौर और न ही उज्जैन जाना पड़ेगा। मैने गुजरात में देखा था कि आदिवासी पट्टों में स्कूलों की कमी के कारण बच्चों को स्कूल जाने के लिए कई किमी चलना पड़ता था। मैं सीएम बना तो इन पट्टों में स्कूल खुलवाए। यहां के गांव-गांव जाता था और भीक्षा मांगता था। और इस भीक्षा में उनसे वादा मांगता था कि आप आपनी बेटी को पढ़ाओगे 13,14, 15 जोन और 40 से 45 डिग्री का तापमान रहता था। उस समय में झाबुआ के बगल में दाहुद के जंगल में जाकर छोटे-छोटे गांवों में जाकर बेटियों की उंगलियां पकड़कर उनकों स्कूल ले जाने का काम किया करता था।
अब आदिवासी बच्चों के लिए देशभर में एकलव्य आवासीय स्कूल खुलवा रहा हूं। रेसिडेंसियल स्कूल कांग्रेस ने इतने वर्षों में सिर्फ 100 एकलव्य स्कूल खोले थे वो भी जहां इनके अफसर बैठे हुए थे। तबकि बाजपा की सरकार ने अपने 10 साल में ही इससे 4 गुना ज्यादा एकलव्य स्कूल थोले। एक भी आदिवासी बच्चा शिक्षा के आभाव में पीछे रह जाएं ये मोदी को मंजूर नहीं है।
हमारा आदिवासी समाज 1000 वर्षों से वनसंपदा से अपनी रोजी रोटी चलाता है। कांग्रेस के समय आदिवासियों के इस आधिकार पर कानून पहरे लगा दिए गए थे। वन संपदा कानून में बदलाव करके हमारी सरकार द्वारा आदिवासी समाज को वन भूमि से जुड़े अधिकार लौटाए गए है। इसने सालों से आदिवासी परिवारों में सिकस सेल एनिमिया हर वर्ष सैकड़ों लोगों की जान ले रही थी। केंद्र और राज्य में कांग्रेस ने सरकार चलाई लेकिन उन्होंने असमय मृत्यु को प्राप्त होते जनजातिय युवाओं और बच्चों की चिंता नहीं की। इन्हें पता था भोले भाले आदिवासी लोग बीमारी के लिए उनकी सरकार को जिम्मेदार नहीं मानेंगे। ये चुनाव का मुद्दा नहीं है। लेकिन हमारे लिए वोट नहीं आपकी जिंदगी मायने रखती है। हमने वोट बैंक के लिए नहीं आदिवासी समाज के स्वास्थ्य के लिए सिकल सेल अभियान शुरू किया है। ये देश और हमारी नियत में फर्क बताता है। यही फर्क है जो आदिवासी समाज सम्मान के साथ विकास की दौड़ में आगे बढ़ रहा है। ये नियत का ही फर्क है कि हमने एमपी को बीमारू राज्य को विकास सील राज्य बना दिया है।
आज स्वामित्व योजना के माध्यम से लोगों को उनकी जमीन के कागजात दिए जा रहें है। कुछ देर पहले 1 लाख 75 हजार लोगों को स्वामित अधिकार पत्र दिए गए है। ये अधिकार पत्र नहीं आपकी जिंदगी में सुरक्षा पत्र भी है। सुरक्षा की गारंटी का पर्चा है। जिनसे हमारे परिवारों को भूमि विवाद से सुरक्षा मिलती है, साथ ही सूदखोरों के कर्ज से सुरक्षा देते है। पहले लोगों को अपनी ही संपत्ति के लिए कोर्ट के चक्कर काटने पड़ते थे तो दसों पीढ़िया गुजर जाती थी। आज एख स्वामित योजना मेरे देश के गांव, गरीब को इन सब मुश्किलों से बचाती है। आज जो सबसे बंचित और पिछड़ा है हमारी सरकार में वो सबसे पहली प्राथमिकता है। समाज में जो सबसे आखिरी वर्ग होता था आज उसे हमने सबसे आगे किया। आज उन्हें सरकार सबसे पहले उनके लिए योजना बनाती है। इनमें से ज्यादातर दलित, आदिवासी और पिछड़ा समाज के लोग थे। इसलिए हमारी सरकार ने सबसे ज्यादा पिछड़ों के लिए हमने पीएम जन मन योजना शुरू की। जो अब तक विकास की मुख्य धारा से कटा हुआ था उस योजना के तहत उनका तेज विकास शुरू किया गया है। इसका लाभ बैरा भारिया और शहरियां जैसे जनजातिय समूह को होने वाला है। एमपी के आदिवासी बाहुल्य जिलों में हजारों करोड़ों के कार्य पीएम जन मन के तहत किए जा रहे है।
प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के जरिए 550 गांवों में विकास के काम हो रहें है। हमारी सरकार एमपी में आधुनिक इंफ्रास्टकचर में भी उतना ही ध्यान दे रही है। कांग्रेस सरकार के 10 वर्षों में एमपी को रेलवे के विकास के लिए जितना पैसा मिला आज हम फंसे 224 गुना ज्यादा पैसा एमपी के लिए भेज रहें है। आज भी करीब साढ़े 3 हजार करोड़ का योजनाओं का लोकार्पण किया है। आज एक एक सेक्टर में एमपी के विकास के लिए इतना ज्यादा पैसा भेज रहें है। ऐसे कौन से इलाके है जिसमें रेल की सड़क की और बिजली की रोजगार की सुविधाए नहीं पहुंचती थी। इनमें से अधिकांश पिछड़े और आदिवासी इलाके ही थे।
कांग्रेस को आपके गांवों की नहीं अपने महलों की चिंता थी। उनके बनाए गड्ढ़ों को भरने के लिए आज हम पूरी मेहनत से काम कर रहें है। इसलिए कांग्रेस के लोकल नेता भी अपने आलाकमान से कहने लगें है कि हम मोदी के खिलाफ वोट मांगने जाए तो किस मुंह से जाएं। बेचारों की मुसिबत तो है। जो नेता अब पार्टी में थोड़े बहुत बचे है इनमें से कोई भी जिम्मेदारी उठाना नहीं चाहता है। सुना है इन दिनों एमपी कांग्रेस के अंदर खाने में बहुत भगदड़ मची हुई है। जनता की उपेक्षा करने वालों का यही हश्र होता है। कांग्रेस अब अपने पापों के दलदल में फंस चुकी है। वे उससे निकलने की जितनी कोशिश करेंगे वह उसमें उतना और फंसती जाएगें। आज इस अवसर पर मुझे आपको कांग्रेस की साजिशों से भी आगह करना है। अपनी हार सामने देखकर कांग्रेस और उनके साथी अपने आखिरी दांव पेच इस्तेमाल करने में लगे हुए है।
कांग्रेस और उसके दोस्तों की दो ही ताकत है जब ये सत्ता में रहते है तब लूटते है जब सत्ता से बाहर जाते है तो लोगों को लड़वाते है। यानि लूट और फूट यहीं कांग्रेस की आक्सिजन है। इसे बंद करते ही कांग्रेस पार्टी का सियासी दम टूटने लग जाता है। ज्यादातर राज्य में सरकार से बेदखल करके जनता जनार्दन ने इनकी लूट के रास्ते बंद कर दिए है। अब ये वापस कुर्सी पाने के लिए जाति के नाम पर, भाषा, इलाके के नाम पर टूट और फूट करनवाने कि लिए लगे हुए है। लेकिन देश इनकी हरकतें देख रहा है। देश इनके मंसुबे सफल नहीं होने देगा। कांग्रेस के भीतर आदिवासी समाज के लिए नफरत कूट कूटकर भरी पड़ी है। ये वोट मांगने तो आपके पास आते है लेकिन जब आदिवासी समाज से पहली बार एक महिला राष्ट्रपति का चुनाव लड़ती है तो उन्हें रोकने के लिए हराने के लिए दीवार बनकर खड़ी हो जाती है। देश को कांग्रेस की वो कर्तूत याद है। चुनाव आने पर बड़ी-बड़ी घोषणाएं तो करते है लेकिन जब मोदी हर गरीब के लिए दलित, पिछड़ा और आदिवासी के लिए पक्के घर बनवाता है तो ये मोदी को गालियां देते है।