Jhabua News: जब जिंदा आदमी की निकाली गई शव यात्रा! धूमधाम से बजे ढोल-ताशे, गाए मातम के गीत, वजह जानकर उड़ जाएंगे होश

Jhabua News: जब जिंदा आदमी की निकाली गई शव यात्रा! धूमधाम से बजे ढोल-ताशे, गाए मातम के गीत, वजह जानकर उड़ जाएंगे होश

  • Reported By: Harish Yadav

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  • Publish Date - August 12, 2025 / 07:26 PM IST,
    Updated On - August 12, 2025 / 07:26 PM IST

Jhabua News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • रायपुरिया में अनोखी जीवित शव यात्रा,
  • सूखे पर बारिश के लिए हुई प्रार्थना,
  • परंपरा से जुड़ी आस्था और एकजुटता का संदेश,

झाबुआ: Jhabua News: झाबुआ जिले के रायपुरिया गांव में बारिश की कमी और सूखे जैसी स्थिति से परेशान ग्रामीणों ने मंगलवार 12 अगस्त को एक अनोखी परंपरा निभाई। गांव में बड़े स्तर पर पूजा-पाठ और उज्जैनी के बाद ग्रामीणों ने ‘जीवित शव यात्रा’ निकाली जिसे लेकर मान्यता है कि इससे इंद्रदेव प्रसन्न होते हैं और वर्षा होती है।

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Jhabua News: इस रस्म के तहत एक जीवित व्यक्ति को शव की तरह सजाकर बांस की अर्थी पर लिटाया गया और जुलूस निकाला गया। यात्रा राजगढ़ रोड स्थित बिजली विभाग के ग्रिड से शुरू होकर गांव के मुख्य मार्गों से होती हुई मुक्तिधाम पहुंची। वहां प्रतीकात्मक पुतले का अंतिम संस्कार किया गया। इस आयोजन में महिलाएं, बच्चे और बुज़ुर्ग बड़ी संख्या में शामिल हुए। ढोल-ताशों और भजन-कीर्तन से माहौल धार्मिक रंग में रंग गया।

 

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Jhabua News: ग्रामीण बताते हैं कि यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है और हर बार सूखे के समय इसका आयोजन किया जाता है। कई बार इसके बाद अच्छी बारिश भी हो चुकी है। गांव के बुज़ुर्गों के अनुसार यह हमारे पूर्वजों से मिली परंपरा है। जब बारिश रुक जाती है, हम यह अनुष्ठान करते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह सिर्फ वर्षा की प्रार्थना नहीं बल्कि संकट के समय एकजुट रहने का संदेश भी है। अब सभी की नज़रें आसमान की ओर हैं उम्मीद है कि जल्द ही मेघ बरसेंगे और धरती की प्यास बुझेगी।

 

"झाबुआ बारिश अनुष्ठान" क्या है?

यह एक पारंपरिक पूजा-पाठ और जीवित शव यात्रा है, जिसमें सूखे की स्थिति में बारिश की प्रार्थना के लिए जीवित व्यक्ति को शव की तरह सजाकर जुलूस निकाला जाता है।

"जीवित शव यात्रा" का उद्देश्य क्या होता है?

इस यात्रा का उद्देश्य इंद्रदेव को प्रसन्न करना और वर्षा लाने के लिए आशीर्वाद प्राप्त करना है।

"झाबुआ जिले में सूखे के समय क्या परंपराएँ होती हैं?"

सूखे के समय यहाँ ‘जीवित शव यात्रा’ जैसी परंपराएँ निभाई जाती हैं, जिनका मकसद बारिश लाना और गांव को संकट से उबारना होता है।

"क्या यह अनुष्ठान प्रभावी माना जाता है?"

ग्रामीणों के अनुसार कई बार इस अनुष्ठान के बाद अच्छी बारिश हुई है, इसलिए इसे प्रभावी और पौराणिक माना जाता है।

"इस रस्म में कौन-कौन हिस्सा लेते हैं?"

इसमें महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग सभी हिस्सा लेते हैं और भजन-कीर्तन व ढोल-ताशे के साथ जुलूस निकाला जाता है।