एसआईआर पर कानून मंत्री मेघवाल बोले-‘‘बिहार चुनाव में जनता ने विपक्ष को जवाब दे दिया’’

एसआईआर पर कानून मंत्री मेघवाल बोले-‘‘बिहार चुनाव में जनता ने विपक्ष को जवाब दे दिया’’

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  • Publish Date - November 28, 2025 / 09:26 PM IST,
    Updated On - November 28, 2025 / 09:26 PM IST

इंदौर (मध्यप्रदेश), 28 नवंबर (भाषा) विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को मतदाता सूची को साफ-सुथरी बनाए रखने के लिए निर्वाचन आयोग का नियमित अभियान बताते हुए केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शुक्रवार को कहा कि बिहार के हालिया विधानसभा चुनाव में जनता ने विपक्ष को जवाब दे दिया है।

एसआईआर के खिलाफ विपक्षी दलों द्वारा लगातार सवाल उठाए जाने पर मेघवाल ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा,‘‘निर्वाचन आयोग एक स्वतंत्र और निष्पक्ष निकाय है। आयोग का हमेशा इस दिशा में प्रयास होता है कि मतदाता सूची साफ-सुथरी होनी चाहिए। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की पिछली सरकारों में भी एसआईआर की प्रक्रिया होती रही है।’’

उन्होंने कहा,‘‘बिहार में एसआईआर की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद हाल में विधानसभा चुनाव हुए। इस चुनाव में बिहार की जनता ने विपक्ष को जवाब भी दिया है। इसके बावजूद विपक्ष एसआईआर का मुद्दा उठाता रहता है।’’

कानून मंत्री ने कहा कि देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर की प्रक्रिया चल रही है और इससे संबंधित मुकदमा उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए वह इस विषय में विस्तृत टिप्पणी नहीं करेंगे।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा संविधान को खतरे में बताने पर मेघवाल ने पलटवार करते हुए कहा,‘‘देश में कांग्रेस की पिछली सरकारों ने ही संविधान को सबसे ज्यादा तोड़ा-मरोड़ा और आपातकाल लगाकर संविधान का ध्यान ही नहीं रखा। ऐसे में गांधी किस मुंह से संविधान की बात कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि मतदाताओं ने हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली और बिहार में हुए विधानसभा चुनावों में संविधान के मुद्दे पर ही गांधी को करारा जवाब दे दिया है।

राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने पर संसद के शीतकालीन सत्र में चर्चा की संभावना पर मेघवाल ने कहा,‘‘लोकसभा और राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की 30 नवंबर को होने वाली बैठक में तय होगा कि इस विषय में चर्चा कब होगी।’’

मेघवाल ने कहा कि चार नयी श्रम संहिताओं में श्रमिकों से जुड़े 29 अधिनियमों को समेटा गया है।

उन्होंने कहा,’ये अधिनियम पहले बिखरे रूप में थे जिससे मजदूरों और वकीलों, दोनों को मुश्किलें हो रही थीं। चार नयी श्रम संहिताएं नरेन्द्र मोदी सरकार की ओर से ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ और ‘ईज ऑफ लिविंग’ को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया सकारात्मक कदम हैं।’’

संवाददाताओं के साथ बातचीत से पहले, मेघवाल ने ‘मौलिक कर्तव्य : नये भारत की दिशा’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का संविधान दुनिया भर में सर्वश्रेष्ठ है और संविधान के तहत देश के नागरिकों को दिए गए मूल अधिकारों में कर्तव्य भाव भी निहित है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि मौलिक कर्तव्यों के प्रति सचेत होने से देश विकसित होगा।

यह संगोष्ठी ‘अधिवक्ता परिषद’ नाम के संगठन ने आयोजित की थी। संगोष्ठी में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा भी शामिल हुए।

भाषा हर्ष नोमान

नोमान