भोपाल, सात दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार को कहा कि होम गार्ड के जवान भगवद गीता के ‘निष्काम सेवा’ के संदेश को अपनाते हैं क्योंकि वे ईमानदारी और बिना किसी उम्मीद या स्वार्थ के काम करते हैं।
उन्होंने यहां 63वें होम गार्ड्स और नागरिक सुरक्षा स्थापना दिवस समारोह में कहा कि यह बल प्राकृतिक आपदाओं, भीड़ प्रबंधन, यातायात प्रबंधन और मुश्किल हालात में नागरिकों के साथ खड़ा रहता है और पुलिस का भी साथ देता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘होम गार्ड शब्द का मतलब मध्यप्रदेश के 8.5 करोड़ लोगों के रक्षक हैं। आजादी के बाद जब भारत अपना नागरिक सुरक्षा ढांचा बना रहा था, तब बल ने भरोसे और सेवा की ढाल दी है। बाढ़, आग या बड़े हादसों के समय लोग सबसे पहले होम गार्ड्स के बारे में सोचते हैं क्योंकि ये जवान मुश्किलों के सामने चट्टान की तरह खड़े रहते हैं।’
उन्होंने कहा कि होम गार्ड सीमा पर तैनात सैनिक जितना ही जरूरी है, क्योंकि वे अंदरूनी सुरक्षा और सामाजिक स्थिरता के लिए जरूरी हैं।
यादव ने कहा, ‘2014 में एसडीआरएफ के बनने के बाद से होम गार्ड, नागरिक सुरक्षा और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल ( एसडीआरएफ) ने मिलकर आपदा प्रबंधन को मज़बूत किया है।’
उन्होंने कहा कि बल ने पिछले साल 5,075 लोगों को बचाया और इस साल बाढ़ के दौरान सैकड़ों लोगों को बचाया। होम गार्ड की वर्दी देश के फर्ज़ और लोगों के भरोसे की निशानी है।
मुख्यमंत्री ने परेड का जायजा लिया और होम गार्ड के जवानों के बैंड की धुनों पर मार्च करते हुए सलामी ली।
यादव ने ‘मुख्यमंत्री अदम्य साहसी कार्य पुरस्कार’ शुरू करने का भी ऐलान किया, जिसके तहत मुश्किल हालात में जान और माल बचाने वाले 10 राहत दल को हर साल 51,000 रुपये मिलेंगे।
इंदौर, शिवपुरी, गुना, रायसेन, मंडला, नरसिंहपुर, रीवा, छतरपुर, टीकमगढ़ और उज्जैन के राहत दलों को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना और दूसरे अधिकारी मौजूद थे।
भाषा
दिमो
रवि कांत