बिना OBC आरक्षण होंगे पंचायत चुनाव, 15 पन्नों के आदेश में SC ने दिए कई अहम निर्देश

OBC reservation : सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के बिना ही पंचायत और निकाय चुनाव करवाने के आदेश दिए हैं, panchayat election

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  • Publish Date - May 10, 2022 / 07:06 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:46 PM IST

जबलपुर। OBC reservation : मध्यप्रदेश में पंचायत और निकाय चुनावों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना विस्तृत फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने 15 पन्नों के इस आदेश में 34 बिंदुओं पर सरकार और निर्वाचन आयोग को कई अहम दिशा-निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपल टेस्ट पूरा ना होने पर ओबीसी आरक्षण के बिना ही पंचायत और निकाय चुनाव करवाने के आदेश दिए हैं और चुनाव आयोग को 2 हफ्तों के भीतर चुनाव कार्यक्रम जारी करने के आदेश दिए हैं।

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OBC reservation  सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान के आर्टिकल 243 ई और यू का पालन करवाना यानि समय पर चुनाव करवाना सरकारों और चुनाव आयोग की संवैधानिक ड्यूटी है लेकिन मध्यप्रदेश में समय पर चनाव ना होना ब्रेक डाउन ऑफ रूल ऑफ लॉ यानि कानून का राज खत्म होने जैसा है। कोर्ट ने कहा कि पंचायतों और स्थानीय निकायों को लोकल सैल्फ गवर्नमेंट के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता।

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सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि अगर हाईकोर्ट्स या निचली अदालतों के कोई आदेश समय पर चुनाव करवाने के आड़े आते हैं तो चुनाव आयोग उन्हें नज़रअंदाज़ करे क्योंकि अब पंचायत और निकाय चुनावों पर सुप्रीम कोर्ट का ही आदेश लागू होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव करवाकर 12 जुलाई तक अपनी कंप्लायंस रिपोर्ट यानि आदेश के पालन की रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है और 12 जुलाई को मामले पर अगली सुनवाई तय कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए हैं।

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OBC reservation : कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा है कि आयोग को निकाय या चुनाव क्षेत्रों की पंचायत वार आंकड़े देने थे लेकिन आयोग ने जिलास्तर के ओबीसी आंकड़े पेश कर दिए। साथ ही कोर्ट ने कहा कि पिछड़ा वर्ग आयोग को सीधे ओबीसी आरक्षण मांगने की बजाय पंचायतों और निकायों की सीटों पर ओबीसी आरक्षण के प्रतिशत की अनुशंसा करनी थी। बहरहाल सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपल टेस्ट के बिना ओबीसी आरक्षण ना देने और समय पर चुनाव करवाने का ये आदेश मध्यप्रदेश ही नहीं पूरे देश के सभी राज्यों में लागू करने का निर्देश दिया है।

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