तेरा तिरंगा Vs मेरा तिरंगा..’सम्मान’ पर सियासी घमासान! राष्ट्रीय ध्वज के नाम पर राजनीतिक एजेंडा चलाना कितना सही?

तेरा तिरंगा Vs मेरा तिरंगा..'सम्मान' पर सियासी घमासान! Political agenda is running in the name of national flag

तेरा तिरंगा Vs मेरा तिरंगा..’सम्मान’ पर सियासी घमासान! राष्ट्रीय ध्वज के नाम पर राजनीतिक एजेंडा चलाना कितना सही?
Modified Date: November 29, 2022 / 08:25 pm IST
Published Date: August 9, 2022 11:26 pm IST

(रिपोर्टःसुधीर दंडोतिया) भोपाल: Political agenda is running  आजादी के 75वें वर्ष के उत्सव पर तिरंगे को लेकर राजनीति के अखाड़े में दंगल शुरू हो चुका है। हर राजनीतिक दल देशभक्ति की अपनी-अपनी परिभाषा गढ़ने में लगे हैं। तिरंगे के सम्मान का अलग-अलग तरीका बताया जा रहा है। अलग-अलग अभियान चलाए जा रहे हैं। तेरा तिरंगा Vs मेरा तिरंगा पर जुबानी जंग हर दिनबढ़ती ही जा रही है। ऐसे में कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि जो तिरंगा देश की आन बान और शान का प्रतीक है। उस राष्ट्र ध्वज के नाम पर राजनीतिक एजेंडा चलाना सही है।

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Political agenda is running  बीजेपी के हर घर तिरंगा अभियान के जवाब में कांग्रेस भी तिरंगे को लेकर मैदान में कूद गई है. इंदौर में आदिवासी और बलिदानी नेता टंट्या भील की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर कमलनाथ ने एमपी में तिरंगा सम्मान यात्रा की शुरूआत की। 14 अगस्त तक कांग्रेस के सभी विधायक और पदाधिकारी अपने क्षेत्र में 75 किमी की तिरंगा सम्मान यात्रा निकालेंगे। अभियान के तहत कांग्रेसी बताएंगे कि आजादी की लड़ाई में कांग्रेस का क्या योगदान था।

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तिरंगा सम्मान यात्रा के दौरान सड़क पर उतरे कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं ने बीजेपी के हर तिरंगा अभियान पर भी निशाना साधा। कांग्रेस के सवाल उठाये जाने के बाद अब बीजेपी कांग्रेस की तिरंगा यात्रा को सियासी यात्रा करार दे रही है इससे पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने देख रहा विनोद वाला ट्वीट कर भी कांग्रेस पर तंज कसा था। बहरहाल मध्यप्रदेश की सियासत में इन दिनों तिरंगा बड़ा सियासी मुद्दा बना हुआ है। बीजेपी और कांग्रेस इसे लेकर न सिर्फ एक दूसरे पर जुबानी हमले कर रही हैं, बल्कि अपने-अपने राजनीतिक दांव भी चल रही हैं। ऐसे में अब देखना होगा कि आजादी के अमृत महोत्सव में तिरंगा कहीं सियासी हथियार न बनकर रह जाय!

 


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।