Mahashivratri Siddha Bapauli Dham : महाशिवरात्रि में 121 सिद्ध शिवलिंग की विशेष पूजा, धाम में भगवान शिव के उपज्योतिर्लिंग विराजमान, जानें महिमा

महा शिवरात्रि में 121 सिद्ध शिवलिंग की विशेष पूजा...Mahashivratri Siddha Bapauli Dham: Special worship of 121 Siddha Shivling

  • Reported By: Santosh Malviya

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  • Publish Date - February 26, 2025 / 07:44 AM IST,
    Updated On - February 26, 2025 / 08:39 AM IST

Mahashivratri Siddha Bapauli Dham | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • तलहटी में स्थित सिद्ध बापौली धाम
  • आस्था और आध्यात्मिकता का केंद्र सिद्ध बापौली धाम
  • 12 वर्षों से लगातार 121 शिवलिंगों पर अभिषेक किया जा रहा

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रायसेन : Mahashivratri Siddha Bapauli Dham :  विंध्याचल पर्वत, जिसे जामवंत की लीला स्थली के रूप में जाना जाता है, इसकी तलहटी में स्थित सिद्ध बापौली धाम एक अत्यंत पावन एवं ऐतिहासिक स्थल है। यह स्थान भगवान शिव के उपज्योतिर्लिंग के रूप में पूजित है और संतों की तपोस्थली रहा है। यहां 1008 पूज्य सच्चिदानंदघन महाराज एवं अन्य संतों ने साधना की थी। भक्तों का मानना है कि यहां शिवजी के प्रत्यक्ष दर्शन होते हैं।

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धार्मिक महत्व और प्रमुख स्थल

Mahashivratri Siddha Bapauli Dham :  बापौली धाम के निकट जामवंत एवं श्रीकृष्ण की युद्ध स्थली भी स्थित है। इसके साथ ही जामवंत द्वारा स्थापित तिल गणेश मंदिर भी यहां भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है। महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर सिद्ध बापौली धाम में विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। इस दौरान श्रद्धालु सिद्ध शिवलिंग का पूजन कर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। यहां 50 क्विंटल साबूदाने की खिचड़ी का वितरण किया जाता है। भक्तों के लिए नेत्र चिकित्सा शिविर आयोजित किया जाता है, जिसमें इस बार मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल शामिल होंगे और सिद्ध शिवलिंग का पूजन-अर्चन करेंगे। श्रावण मास के सोमवार को भी यहां हजारों श्रद्धालु आते हैं और विशेष पूजन करते हैं।

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बापौली धाम का स्वरूप

Mahashivratri Siddha Bapauli Dham :  बापौली धाम, रायसेन जिले के बरेली तहसील में स्थित है और माँ नर्मदा के उत्तर तट से कुछ दूरी पर स्थित है। इस मंदिर को उपज्योतिर्लिंग के रूप में मान्यता प्राप्त है। शिवलिंग के साथ-साथ यहां भगवान शिव एवं माता पार्वती की अत्यंत सुंदर मूर्तियां स्थित हैं। मंदिर परिसर में श्री गणेश और कार्तिकेय की संगमरमर से बनी प्रतिमाएं भी विराजमान हैं। मंदिर के अंदर 100×100 वर्ग फुट का एक भव्य सभागार है, जिसकी दीवारों पर रामचरितमानस के दोहे और चौपाइयां अंकित हैं। सभा स्थल के बीच पूज्य गुरुदेव श्री श्री 1008 सच्चिदानंदघन जी महाराज की प्रतिमा स्थापित है। मंदिर में हनुमान जी की विशाल प्रतिमा भी स्थापित है, जो प्राचीन काल से भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बनी हुई है। संस्कृत अध्ययन के लिए संस्कृत पाठशाला भी मौजूद है, जहां विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं। मंदिर में एक बड़ी बावड़ी भी स्थित है, जो जल संग्रहण के लिए प्रयुक्त होती है।

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विशेष तपस्या स्थल

Mahashivratri Siddha Bapauli Dham :  बापौली धाम की विशेषता यह है कि यहां 12 वर्षों से लगातार 121 शिवलिंगों पर अभिषेक किया जा रहा है। वर्तमान में यहां संत लाल बाबा जी बीते 14 वर्षों से परिक्रमा में रहकर तपस्या कर रहे हैं और अगले दो वर्षों तक इसी स्थान पर साधना करने के बाद नर्मदा परिक्रमा के लिए प्रस्थान करेंगे। यहां लगभग 12 करोड़ की लागत से भव्य मंदिर निर्माण का प्रस्ताव भी पारित किया गया है। हालांकि सिद्ध बापौली धाम को एक सिद्ध स्थल के रूप में जाना जाता है, लेकिन श्रद्धालुओं को यहां आने में कठिनाई होती है क्योंकि अभी तक यहां तक पहुंचने के लिए कोई उचित सड़क मार्ग विकसित नहीं किया गया है।

सिद्ध बापौली धाम कहां स्थित है?

सिद्ध बापौली धाम रायसेन जिले के बरेली तहसील में स्थित है, जो माँ नर्मदा के उत्तर तट के निकट है।

सिद्ध बापौली धाम में कौन-कौन से प्रमुख मंदिर हैं?

यहां उपज्योतिर्लिंग शिव मंदिर, जामवंत द्वारा स्थापित तिल गणेश मंदिर, हनुमान मंदिर, और श्री गणेश मंदिर स्थित हैं।

महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां क्या विशेष आयोजन होते हैं?

महाशिवरात्रि पर विशाल मेले, 50 क्विंटल साबूदाने की खिचड़ी वितरण, नेत्र चिकित्सा शिविर, और विशेष पूजन-अर्चन का आयोजन किया जाता है।

बापौली धाम में कौन-कौन से धार्मिक ग्रंथ अंकित हैं?

यहां रामचरितमानस की चौपाइयां और दोहे भव्य सभागार की दीवारों पर अंकित हैं।

बापौली धाम जाने के लिए कौन-कौन से मार्ग उपलब्ध हैं?

वर्तमान में यहां तक पहुंचने के लिए कोई पक्का सड़क मार्ग नहीं बना है, जिससे श्रद्धालुओं को यात्रा में कठिनाई होती है।