एंबुलेंस में ऑक्सीजन के खत्म हो जाने से 3 साल की मासूम की मौत हो गई है।
परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
डॉक्टर और एंबुलेंस चालक पर कार्रवाई की मांग की है।
राजगढ़। MP Rajgarh Latest News : मध्यप्रदेश के राजगढ़ से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां एंबुलेंस में ऑक्सीजन के खत्म हो जाने से 3 साल की मासूम की मौत हो गई है। मासूम को गुना अस्पताल से भोपाल रेफर किया गया था। ब्यावरा के 5 किमी पहले ऑक्सीजन खत्म हो गई थी। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। डॉक्टर और एंबुलेंस चालक पर कार्रवाई की मांग की है। ये पूरा मामला गुना जिला अस्पताल का है।
बता दें कि मासूम हर्षित को उसके परिजनों ने दो दिन पहले गुना अस्पताल में बुखार आने के कारण एडमिट कराया था। परिजनों ने बताया कि कल शाम तक हर्षिता की स्थिति ठीक थी, लेकिन शाम के बाद रात मे डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाए थे उसके बाद से हर्षिता की तबीयत लगातार खराब होने लगी उसे अस्पताल में भी ऑक्सीजन लगाया गया लेकिन गुना अस्पताल में जब हर्षिता की तबीयत सही नहीं हुई तो सुबह उसे डॉक्टरों की टीम ने भोपाल के लिए रेफर कर दिया था। जिस एंबुलेंस की सहायता से भोपाल ले जाया जा रहा था। क्योंकि हर्षित को सांस लेने में समस्या हो रही थी इसलिए उसे एंबुलेंस में ऑक्सीजन लगाकर ही रेफर किया था।
गुना से भोपाल जाने के दौरान राजगढ़ जिले के ब्यावरा तक ही हर्षित को एंबुलेंस की मदद से लेकर आए इतने में एंबुलेंस में लगे ऑक्सीजन सिलेंडर में गैस खत्म हो गई। और उसकी हालत दोबारा से बिगड़ने लगी जिसको देखकर परिजनों ने दूसरा सिलेंडर भी वहां पर लगाने का प्रयास किया लेकिन एंबुलेंस में रखें दोनों सिलेंडरों में गैस नहीं थी। लिहाजा जो ऑक्सीजन न मिलने के कारण 3 वर्षीय हर्षिता ने एंबुलेंस में ही अपना दम तोड़ दिया।
राजगढ़ में 3 साल की मासूम हर्षिता की मौत एंबुलेंस में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई। वह गुना अस्पताल से भोपाल रेफर की गई थी, लेकिन एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर की गैस खत्म हो जाने से उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसने रास्ते में दम तोड़ दिया।
2. क्या डॉक्टरों और एंबुलेंस चालक के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है?
परिजनों ने डॉक्टरों और एंबुलेंस चालक पर लापरवाही का आरोप लगाया है और उनकी कार्रवाई की मांग की है। इस मामले में प्रशासन से भी जांच की मांग की जा रही है।
3. हर्षिता को किस कारण से गुना अस्पताल में भर्ती किया गया था?
हर्षिता को बुखार आने के कारण दो दिन पहले गुना अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, बाद में उसकी तबीयत खराब हो गई और उसे भोपाल रेफर किया गया।
4. क्या एंबुलेंस में ऑक्सीजन की कमी की वजह से अस्पतालों के इलाज में कोई कमी हुई थी?
गुना अस्पताल में हर्षिता को ऑक्सीजन की जरूरत थी और उसे एंबुलेंस से भोपाल भेजा गया था। हालांकि, एंबुलेंस में ऑक्सीजन की कमी ने उसके इलाज में गंभीर समस्या पैदा कर दी, जिससे उसकी मौत हो गई।
5. क्या इस मामले में किसी तरह की कार्रवाई की गई है?
परिजनों ने मामले की जांच की मांग की है और डॉक्टरों व एंबुलेंस चालक के खिलाफ कार्रवाई की इच्छा व्यक्त की है।