Rajgarh Pind Daan News: Dead mother returned after 35 years

Rajgarh Pind Daan News: 35 साल बाद लौटी मरी हुई मां! पिंडदान तक कर चुके थे परिजन, नागपुर में जिंदा मिली गीताबाई की चौंकाने वाली कहानी

35 साल बाद लौटी मरी हुई मां! पिंडदान तक कर चुके थे परिजन...Rajgarh Pind Daan News: Dead mother returned after 35 years! Family had even

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Modified Date: April 11, 2025 / 12:33 PM IST
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Published Date: April 11, 2025 12:32 pm IST

राजगढ़: Rajgarh Pind Daan News:  मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के ब्यावरा शहर में उस वक्त भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा जब एक 70 वर्षीय महिला गीताबाई सेन 35 साल बाद अचानक अपने घर लौटीं वो भी तब जब उनके परिवार ने उन्हें मृत मानकर इलाहाबाद (प्रयागराज) में उनका पिंडदान तक कर दिया था।

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अचानक हुई थी लापता, हर साल होता था श्राद्ध

Rajgarh Pind Daan News: करीब 35 साल पहले गीताबाई अपने मायके शाजापुर जिले के कालापीपल तहसील के खोखरा गांव गई थीं। तभी से उनका कोई सुराग नहीं मिला। मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वे अचानक गायब हो गईं। परिजनों ने सालों तलाश किया लेकिन जब कोई सूचना नहीं मिली, तो मजबूर होकर लगभग 5 साल पहले परिवार ने उन्हें मृत मान लिया और प्रयागराज जाकर पिंडदान कर दिया। इसके बाद हर साल श्राद्ध पक्ष की नवमी को उनकी तस्वीर पर फूल-माला चढ़ाकर श्राद्ध किया जाने लगा। परिवार को उनकी मौत का दुख साल दर साल सताता रहा।

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नागपुर से आया चौंकाने वाला फोन

Rajgarh Pind Daan News: हाल ही में परिवार को एक ऐसा फोन कॉल आया, जिसने सबको स्तब्ध कर दिया। महाराष्ट्र के नागपुर के क्षेत्रीय मानसिक चिकित्सालय से आया यह कॉल गीताबाई के जीवित होने की सूचना लेकर आया था। वहाँ की समाज सेवा अधीक्षक कुंडा बिडकर ने जानकारी दी कि गीताबाई को कोर्ट के आदेश पर हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। उन्हें अपनी पहचान और घर का पता बिल्कुल याद नहीं था। बायोमेट्रिक से भी कोई जानकारी नहीं मिली। लेकिन हार न मानते हुए 19 महीनों तक लगातार प्रयास कर महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के कई गांवों, पुलिस थानों, सरपंचों और दुकानदारों से संपर्क कर आखिरकार ब्यावरा के बारे में जानकारी मिली।

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35 साल बाद हुआ मिलन, घर में लौटी खुशियां

Rajgarh Pind Daan News: ब्यावरा पुलिस और कालापीपल प्रशासन के सहयोग से गीताबाई के परिवार को सूचना दी गई। जैसे ही पति गोपाल सेन और बेटे अशोक सेन को खबर मिली वे तुरंत नागपुर पहुंचे और गीताबाई को अपने साथ सुरक्षित घर ले आए। घर लौटने पर माहौल बेहद भावुक था। पति-पत्नी ने एक-दूसरे को माला पहनाकर 35 साल पुराने बिछड़े रिश्ते को फिर से जीवित किया। परिवार, रिश्तेदार, बच्चे और पोते-पोतियों ने मिलकर भव्य स्वागत किया। खुशी के इस पल में पूरे मोहल्ले की आंखें नम हो गईं।

"गीताबाई 35 साल बाद लौटी" तो वे इतने साल कहाँ थीं?

"गीताबाई 35 साल बाद लौटी" घटना में पता चला कि वे मानसिक अस्वस्थता के कारण नागपुर के मानसिक चिकित्सालय में रह रही थीं और अपनी पहचान भूल चुकी थीं।

"गीताबाई 35 साल बाद लौटी" घटना की जानकारी परिवार को कैसे मिली?

"गीताबाई 35 साल बाद लौटी" की जानकारी नागपुर मानसिक चिकित्सालय की समाज सेवा अधीक्षक द्वारा फोन पर दी गई, जिन्होंने 19 महीनों की मेहनत से परिवार को खोजा।

क्या "गीताबाई 35 साल बाद लौटी" से पहले परिवार ने उनके अंतिम संस्कार कर दिया था?

हाँ, "गीताबाई 35 साल बाद लौटी" से पहले परिवार ने प्रयागराज में उनका पिंडदान कर दिया था और हर साल उनका श्राद्ध भी होता था।

"गीताबाई 35 साल बाद लौटी" में पुलिस और प्रशासन की क्या भूमिका रही?

इस मामले में ब्यावरा पुलिस और कालापीपल प्रशासन ने नागपुर अस्पताल से संपर्क साधकर परिजनों को जानकारी दी और पुनर्मिलन में सहायता की।

क्या "गीताबाई 35 साल बाद लौटी" जैसी घटनाएं अक्सर होती हैं?

"गीताबाई 35 साल बाद लौटी" जैसी घटनाएं दुर्लभ हैं लेकिन मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रहे कई लापता लोग देशभर में ऐसे केंद्रों में पाए जाते हैं। इस तरह की पुनर्मिलन की कहानियाँ बेहद भावुक और प्रेरणादायक होती हैं।