Rewa News: मनरेगा में बड़ा घोटाला! खाता अंगूठा लगवाकर मजदूरों के पैसे निकाले, बदले में सचिव सचिव ने दिए सिर्फ 100 रुपए, PM किसान निधि भी हड़पी

Rewa News: मनरेगा में बड़ा घोटाला! खाता अंगूठा लगवाकर मजदूरों के पैसे निकाले, बदले में सचिव सचिव ने दिए सिर्फ 100 रुपए, PM किसान निधि भी हड़पी

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  • Publish Date - September 10, 2025 / 01:02 PM IST,
    Updated On - September 10, 2025 / 01:02 PM IST

Rewa News/IMage Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • मनरेगा में बड़ा घोटाला,
  • मजदूरों की पहचान पर फर्जी निकासी,
  • PM किसान निधि भी हड़पी,

रीवा: Rewa News:  सिरमौर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत रौली में मनरेगा मजदूरों ने रोजगार सहायक एवं पंचायत सचिव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीण मजदूरों का कहना है कि पंचायत में मनरेगा के तहत कार्य मशीनों से कराया जाता है, जबकि मजदूरों के खातों में पैसा डाल दिया जाता है। इसके बाद रोजगार सहायक मजदूरों के घर जाकर अंगूठा लगवाकर राशि निकाल लेता है और बदले में मात्र 100 रुपए मजदूरों को थमा देता है।

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Rewa News:  एक मजदूर ने तो यहां तक बताया कि उसके खाते से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि भी 2 हजार रुपए केवाईसी के नाम पर निकाल ली गई। जब मामला सामने आया तो ग्रामीणों के दबाव में रोजगार सहायक ने रकम लौटाई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पंचायत स्तर पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है, लेकिन डर के कारण लोग खुलकर आवाज नहीं उठा पा रहे। जबकि शासन-प्रशासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि ग्राम पंचायत के अंतर्गत सभी कार्य मजदूरों से ही कराए जाएं, मशीनों से नहीं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि शासन ने तलब के लिए बजट दिया और तालाब खोदा भी गया मशीनें लगाकर लेकिन तलाब गया कहा। क्या तलब चोरी हो गया या गर्भ बड़े गड्ढे खोद कर छोड़ दिया गया। आखिर इसकी जांच कौन करेगा। जिस अधिकारी ने इस तालाब के कार्य को पूर्ण होने का प्रमाणपत्र दिया होगा क्या इस भ्रष्टाचार में उसकी सहभागिता है।

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Rewa News:  ये सवाल बड़ा है और कड़वा भी है। आखिर ग्राम पंचायत में हो रहे भ्रष्टाचार की जवाबदेही किसकी है। आखिर एक रोजगार सहायक मनमाना तरीके से क्यों इतने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में लिप्त है। क्या अधिकारियों की मिलीभगत है। क्यों कि मनरेगा मजदूरों से काम न लेना मशीनरी उपयोग करना क्या अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं होती यह कैसे हो सकता है। मनरेगा मजदूर राजबहोर ने बताया कि वह मवेशियों को चराने का काम करते हैं उनका नाम मनरेगा में है।

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Rewa News:  मज़दूरी नहीं करते फिर पैसा खाते में आता है। पैसा खाते में जैसे ही आता है पंचायत के सहायक सचिव विवेक तिवारी द्वारा पूरा पैसा निकल लिया जाता है। और यह कार्य पंचायत सचिव विश्वनाथ वर्मा द्वारा कराया जाता है क्यों कि किसी भी ग्राम पंचायत के बिना पंचायत सचिव की जानकारी के कोई भी कार्य नहीं होता है। वहीं इस मामले में जब रीवा कलेक्टर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि आरोपों की जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर सख्त दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।

"रीवा मनरेगा घोटाला" क्या है?

उत्तर: रीवा जिले की ग्राम पंचायत रौली में "मनरेगा घोटाले" के तहत मजदूरों के नाम पर मशीनों से काम कराकर भुगतान किया जा रहा था, और मजदूरों के खातों से धोखे से पैसा निकाल लिया जा रहा था।

"मनरेगा मजदूरी में भ्रष्टाचार" कैसे हुआ?

उत्तर: मजदूरों के खातों में फर्जी तरीके से पैसा डलवाकर रोजगार सहायक उनके घर जाकर अंगूठा लगवाता और मजदूरी की पूरी राशि निकाल लेता, बदले में उन्हें मात्र ₹100 दिए जाते।

"रीवा पंचायत में मशीन से काम" क्यों सवालों के घेरे में है?

उत्तर: शासन के नियमों के अनुसार मनरेगा के तहत सभी कार्य मजदूरों से कराए जाने चाहिए, लेकिन पंचायत में मशीनों से काम कराया जा रहा था, जो नियमों के खिलाफ है।

"रीवा मनरेगा भ्रष्टाचार की जांच" कौन करेगा?

उत्तर: रीवा कलेक्टर ने इस मामले में जांच कराने और दोषियों पर सख्त कार्यवाही की बात कही है।

"ग्राम पंचायत रौली भ्रष्टाचार" में कौन-कौन शामिल है?

उत्तर: ग्रामीणों ने रोजगार सहायक विवेक तिवारी और पंचायत सचिव विश्वनाथ वर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि दोनों मिलकर फर्जी भुगतान और पैसा निकासी कर रहे थे।