Satna News: जुड़वा बच्चों को अस्पताल में छोड़कर भागी मां, 12 दिन तक तड़पते रहे मासूम, दोनों की मौत से मचा हड़कंप

Satna News: जुड़वा बच्चों को अस्पताल में छोड़कर भागी मां, 12 दिन तक तड़पते रहे मासूम, दोनों की मौत से मचा हड़कंप

  • Reported By: Mridul Pandey

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  • Publish Date - July 22, 2025 / 08:16 PM IST,
    Updated On - July 22, 2025 / 08:16 PM IST

Satna News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • सतना में ममता हुई शर्मसार,
  • जुड़वा बच्चों को अस्पताल में छोड़कर भागी मां,
  • 12 दिन बाद दोनों मासूमों की मौत,

सतना: Satna News: मां शब्द में जहां ममता, माफ़ी और मोहब्बत का संपूर्ण संसार समाया होता है वहीं सतना से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने इंसानियत और ममता दोनों को शर्मसार कर दिया है। यहां एक कलयुगी मां अपने हाल ही में जन्मे जुड़वा बच्चों को जिला अस्पताल में भर्ती कराकर फरार हो गई। लगभग दो हफ्ते तक बिना किसी देखरेख के इलाज चलता रहा, लेकिन दुर्भाग्यवश दोनों मासूमों की जान नहीं बचाई जा सकी। एक मां ने ऐसा क्यों किया इसकी वजह जब सामने आई तो हर कोई हैरान रह गया।

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Satna News: यह पूरा मामला सतना जिला अस्पताल के गहन चिकित्सा इकाई (SNCU) का है, जहां 9 जुलाई को गंभीर हालत में दो नवजात जुड़वां बच्चों को भर्ती कराया गया था। जानकारी के अनुसार, बच्चों को भर्ती कराने के बाद महिला की बहन अस्पताल से चली गई और फिर कोई वापस नहीं आया। किसी ने बच्चों की सुध तक नहीं ली। लगातार 12 दिन तक संघर्ष करने के बाद पहले बच्चे ने दम तोड़ दिया। अस्पताल प्रबंधन ने जब परिजनों से संपर्क करने की कोशिश की तो जो पता दर्ज था, वह गलत निकला। अगले ही दिन दूसरे मासूम की भी मौत हो गई।

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Satna News: अस्पताल प्रबंधन ने मामले की सूचना कोतवाली पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस ने काफी मशक्कत कर असली परिजनों का पता लगाया। जांच में सामने आया कि दोनों बच्चों की मां मैहर जिले के रामनगर क्षेत्र की रहने वाली है। महिला विधवा है और उसके पति की मौत वर्ष 2022 में हो चुकी है। पति के निधन के बाद वह एक अन्य पुरुष के संपर्क में आई और अविवाहित ही गर्भवती हो गई। लोकलाज और सामाजिक भय के चलते उसने जन्म के तुरंत बाद ही नवजातों को अस्पताल में भर्ती करवा दिया और वहां से भाग निकली। दो सप्ताह तक दोनों मासूम जिंदगी की जंग लड़ते रहे लेकिन अंततः उन्हें भी मां के प्यार और परवाह के बिना दुनिया से विदा लेना पड़ा।

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Satna News: इस पूरे घटनाक्रम ने अस्पताल प्रशासन से लेकर पुलिस महकमे और आमजनों को झकझोर कर रख दिया है। सवाल उठता है कि समाज का डर एक मां को इतना कठोर बना सकता है कि वह अपने ही बच्चों की जान को यूं दांव पर लगा दे? फिलहाल पुलिस ने दोनों मासूमों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए हैं और इस घटना को लेकर गंभीरता से जांच की जा रही है।

सतना जिला अस्पताल में "जुड़वा बच्चों की मौत" कैसे हुई?

सतना जिला अस्पताल में भर्ती जुड़वा नवजातों की हालत गंभीर थी। उन्हें मां द्वारा जन्म के तुरंत बाद अस्पताल में भर्ती कर छोड़ दिया गया था। 12 दिनों तक बिना परिजनों की देखरेख के इलाज चला, लेकिन दोनों की जान नहीं बच पाई।

"जुड़वा बच्चों को छोड़ने वाली मां" कौन थी और उसने ऐसा क्यों किया?

बच्चों की मां सतना के मैहर के रामनगर क्षेत्र की रहने वाली एक विधवा महिला है। पति की मृत्यु के बाद वह किसी अन्य पुरुष के संपर्क में आई और अविवाहित रहते हुए गर्भवती हुई। समाज के डर और बदनामी के भय से उसने नवजातों को जन्म के बाद अस्पताल में छोड़ दिया।

क्या "सतना अस्पताल" ने बच्चों की देखभाल में कोई लापरवाही की थी?

अस्पताल प्रशासन ने बच्चों का इलाज जारी रखा और जब परिजन नहीं लौटे, तब पुलिस को सूचित किया। अस्पताल का कहना है कि उन्होंने अपनी क्षमता अनुसार हर संभव इलाज किया।

क्या "जुड़वा बच्चों की मौत" मामले में पुलिस कार्रवाई कर रही है?

हाँ, पुलिस ने बच्चों की मां की पहचान कर ली है और पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। मामले से जुड़े सामाजिक और मानसिक पहलुओं की भी जांच की जा रही है।

क्या इस "सतना घटना" का समाज पर कोई प्रभाव पड़ा है?

यह घटना समाज को झकझोर देने वाली है। यह सवाल उठाती है कि क्या सामाजिक डर और लोकलाज के कारण एक मां को अपने बच्चों को मरने के लिए छोड़ देना सही है? इस पर अब सामाजिक चर्चा और संवेदनशीलता की ज़रूरत है।