250 साल की सजा, साईं प्रसाद कंपनी के चेयरमैन को अदालत ने सुनाई ऐतिहासिक सजा, 6.50 लाख का जुर्माना भी

आरोपियों के मुकर जाने के बाद निवेशकों ने कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया. जिसके बाद न्यायालय ने केस के दौरान डायरेक्टर बाला साहब को चिटफंड अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत दोषी पाया और लगभग 250 साल की ऐतिहासिक सजा सुनाई है.

Sai Prasad Chit Fund Company: (Sehor) चिटफंड कंपनी के चेयरमैन को एक अदालत ने 250 साल की सजा सुनाई हैं। अदालत ने उसपर साढ़े छह लाख रूपये का जुर्माना भी ठोंका हैं। आम निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने और पैसा हड़पने के मामले में आईपीसी की अलग-अलग धाराओं के आधार पर चिटफंड कंपनी के चेयरमैन पर 6 लाख 50 हजार का जुर्माना और 250 साल की सजा का ऐलान किया गया यह फैसला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

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इस बारे में जिला न्यायालय के सहायक अभियोजन अधिकारी प्रमोद अहिरवार ने मिडिया से चर्चा करते हुए बताया की कि विशेष न्यायाधीश संजय कुमार शाही की कोर्ट ने साईं प्रसाद कंपनी के चेयरमैन बालासाहेब भापकर आरोपी जीतेंद्र दीप सिंह राजेश वर्मा और लखन को अलग-अलग धाराओं के अंतर्गत सजा सुनाई है।

इन लोगों पर आरोप था कि उन्होंने भोले-भाले ग्रामीणों को लालच देकर उनसे साईं प्रसाद कंपनी में निवेश कराया जिसकी धनराशि उन्हें 5 वर्ष बाद प्राप्त होनी थी लेकिन 5 वर्ष बाद राशि के स्थान पर निवेशकों को कंपनी के कार्यालय में केवल ताला नसीब हुआ और आरोपी मुकर गए।

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Sai Prasad Chit Fund Company: आरोपियों के मुकर जाने के बाद निवेशकों ने कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया। जिसके बाद न्यायालय ने केस के दौरान डायरेक्टर बाला साहब को चिटफंड अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत दोषी पाया और लगभग 250 साल की ऐतिहासिक सजा सुनाई है। अन्य आरोपियों को 10-10 साल की सजा सुनाई है। चेयरमैन को 6 लाख 50 हजार के आर्थिक दंड को भी प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है।

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