Reported By: Swadesh Bhardawaj
,Sheopur Crime News / Image Source: IBC24
Sheopur Crime News: श्योपुर: श्योपुर जिले के मानपुर थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक जमीनी विवाद ने एक व्यक्ति की जान ले ली। मृतक सुदीप चौहान, जो सहारा इंडिया के पूर्व मैनेजर थे, बीती शाम अपनी ही ज़मीन के हिसाब-किताब को लेकर आरोपी पक्ष से बात करने पहुंचे थे लेकिन मामला इतना बढ़ गया कि वहां तलवार और लाठी डंडों से हुए हमले में सुदीप चौहान गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल अवस्था में उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
इस घटना के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई है और मृतक के परिवार ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिवार का कहना है कि घायल सुदीप चौहान को सही समय पर इलाज नहीं मिला। घटना के बाद सुदीप घायल अवस्था में दुर्गापुरी चौकी पहुंचे थे और पुलिस को पूरी घटना की जानकारी दी थी। लेकिन पुलिस ने घायल को उपचार के लिए अस्पताल भेजने के बजाय पहले मानपुर थाने लेकर पहुंची और वहां घंटों तक पूछताछ की गई। थाना प्रभारी पप्पू यादव ने जब देर से एफआईआर दर्ज की तब तक घायल का काफी खून बह चुका था। इसके बाद सुदीप को जिला अस्पताल भेजा गया, जहां उन्हें बचाया नहीं जा सका।
मृतक सुदीप चौहान का क्यारपुरा क्षेत्र में खेत था, जिसे उन्होंने भत्ते पर दे रखा था। इसी ज़मीन को लेकर आरोपी पक्ष के चार व्यक्तियों के साथ उनका विवाद चल रहा था। बीती शाम ये विवाद और बढ़ गया और इसी दौरान आरोपियों ने अचानक हमला कर दिया। हमलावरों ने तलवार से सुदीप चौहान के सिर पर वार किया, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। घटना के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए।
आरोपियों में दिलखुश मीणा, सुरेश मीणा, राजेंद्र मीणा और रामनाथ मीणा का नाम सामने आया है। मानपुर पुलिस ने इन चारों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। घटना के बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने आसपास के गांववालों से पूछताछ की है और जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की उम्मीद जताई जा रही है।
इस सनसनीखेज वारदात ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश और दहशत का माहौल बना दिया है। मृतक के परिवार का कहना है कि यदि पुलिस ने समय रहते सुदीप को अस्पताल भेजा होता तो शायद उनकी जान बच सकती थी। इस पर पुलिस की लापरवाही और थाना प्रभारी की अनदेखी पर सवाल उठ रहे हैं।
घटना के दिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में देरी की, जिससे सुदीप को समय पर इलाज नहीं मिल सका। जब तक एफआईआर दर्ज हुई, तब तक सुदीप की हालत बहुत गंभीर हो चुकी थी। यही कारण है कि सुदीप का इलाज शुरू होने में काफी देर हो गई और उन्होंने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया।