Negligence of Jabalpur Hospital Management : जबलपुर – मध्यप्रदेश के जबलपुर में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही साफ देखी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग पर शासन द्वारा कोई कठोर कदम नहीं उठाए जा रहे है। पिछले महिने एक ओर जबलपुर की एक अस्पताल में खौफनाक अग्निकांड हुआ तो वहीं अन्य अस्पतालों में भी लापरवाही देखने को मिल रही है। वहीं जबलपुर में ही बुधवार को मेडिकल अस्पताल के बाहर एक नवजात कर सिर मिला था जिसकी जांच अभी भी हो रही है। तो वहीं जबलपुर विधानसभा बरगी में भी गुरूवार को स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का मामला सामने आया हैं। अगर देखा जाए तो दिन-प्रतिदिन अस्पतालों में लापरवाही के मामले सामने आ रहे है। >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
Negligence of Jabalpur Hospital Management : बरगी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 5 साल के बच्चे के दम तोड़ने की खबर मिली तो तत्काल ही प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों को मौके पर भेजा गया जिन की निगरानी में पूरे मामले की गहराई से पड़ताल की गई जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि बरगी से 7 किलोमीटर दूर के एक गांव से 5 वर्षीय ऋषि ठाकुर को उसके माता पिता अस्पताल लेकर पहुंचे थे। उनकी मानें तो बच्चे की हालत सुबह से ही खराब थी और वह कुछ बोल नहीं पा रहा था डरे सहमे परिजन जब तक अस्पताल पहुंचे तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी।
मां की गोद में तड़प तड़प कर बेटे ने तोड़ा दम,रोती रही मां फिर भी नही पहुंचा डॉक्टर,इससे ज्यादा दुखद कुछ भी नही,रूह कंपा देने वाले ये हालत जबलपुर जिले के बरगी स्वास्थय आरोग्यम केंद्र के हैं pic.twitter.com/gb4YMwi9e7
— sudhirdandotiya (@sudhirdandotiya) September 1, 2022
Negligence of Jabalpur Hospital Management : जबलपुर में बरगी के सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के अभाव में मासूम की मौत खबर को जिला प्रशासन ने सिरे से खारिज किया है। जिले के प्रभारी मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय संचालक डॉ संजय मिश्रा ने साफ किया है कि बरगी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सुबह से ही प्रभारी चिकित्सक अपनी ड्यूटी पर मौजूद रहे लिहाज़ा इलाज के अभाव में मासूम की मौत का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। प्रशासन के मुताबिक 5 वर्षीय मासूम ऋषि ठाकुर को उनके परिजन मृत हालत में ही अस्पताल लेकर आये थे और जब उसका परीक्षण किया गया तो बच्चे की जान जा चुकी थी।
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Negligence of Jabalpur Hospital Management : सीएमएचओ का कहना है कि 15 दिन पहले बच्चा झुलस गया था और उसका स्थानीय स्तर पर ही इलाज चल रहा था। प्रशासन ने इलाज के अभाव में मासूम के दम तोड़ने के आरोप को बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि अस्पताल में न केवल डॉक्टर की तैनाती थी बल्कि अवकाश होने के बावजूद भी एक महिला डॉक्टर सूचना मिलने के तुरंत बाद ही अस्पताल पहुंच गई थी स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय संचालक के मुताबिक मासूम की मौत के बाद चिकित्सकों ने उनके परिजनों को शव के पोस्टमार्टम के लिए भी समझाया था लेकिन परिजन इसके लिए राजी नहीं हुए। प्रशासन के मुताबिक मासूम बच्चे की मौत के बाद जब परिजन जाने लगे तो कुछ स्थानीय लोगों ने पहुंचकर विवाद की स्थिति पैदा की।