‘सिंधिया को हराने की साजिश इस कांग्रेस नेता के दफ्तर में रची गई थी’, मंत्री OPS भदौरिया का बड़ा बयान

उन्होंने कहा कि बाहर के नेताओं को पैसे देकर चुनाव हराने को लेकर बुलाया गया था क्योंकि कमलनाथ के लिए सिंधिया चुनौती बन गए थे। बता दें कि बीते दिन ग्वालियर पहुंचे नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा था कि सिंधिया कांग्रेस के लिए कोई चुनौती नहीं है।

  •  
  • Publish Date - April 30, 2022 / 02:47 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:02 PM IST

ops bhadauria

ग्वालियर। Big statement of Minister OPS Bhadauria: मंत्री OPS भदौरिया का बड़ा बयान समाने आया है, IBC24 से बात करते हुए उन्होंने कहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराने की साजिश पूर्व सीएम कमलनाथ के दफ्तर में रची गई थी। उन्होंने कहा कि बाहर के नेताओं को पैसे देकर चुनाव हराने को लेकर बुलाया गया था क्योंकि कमलनाथ के लिए सिंधिया चुनौती बन गए थे। बता दें कि बीते दिन ग्वालियर पहुंचे नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा था कि सिंधिया कांग्रेस के लिए कोई चुनौती नहीं है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

ये भी पढ़ें: डीएचएफएल-यस बैंक मामला: सीबीआई का मुंबई, पुणे में बिल्डरों के परिसरों में तलाशी अभियान

वहीं लाउडस्पीकर विवाद पर मंत्री OPS भदौरिया ने कहा कि गोविंद सिंह को अजान से कोई दिक्कत नहीं, सिर्फ रामायण से दिक्कत है, ये उनकी मानसिक स्थिति बताता है। बता दें कि कि लाउडस्पीकर विवाद पर नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा सभी धर्म के लोग लाउडस्पीकर बजाते हैं और अपनी बात कहते हैं, लेकिन वास्तव में आम जनता को अगर परेशानी है तो सभी से अपील है कि लाउड स्पीकर की आवाज को धीमी कर लें, फिर वे चाहे किसी भी धर्म के हों। सिंह ने कहा, ‘हम देखते हैं कि गांव में रामायण होती है तो हम रात भर सो नहीं पाते हैं।

ये भी पढ़ें: Jabalpur में नर्मदा पर प्रदूषण की मार | ग्वारीघाट में प्लांट लगाने जा रहा नगर निगम

सिंधिया को 2019 चुनाव में करना पड़ा था हार का सामना

गौरतलब है कि 2019 की गुना लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी के केपी यादव ने पराजित किया था, जो पूर्व में ज्योतिरादित्य के सांसद प्रतिनिधि भी रहे हैं। कृष्णपाल सिंह उर्फ केपी यादव को यहां पर कुल 6 लाख 14 हजार 49 वोट मिले थे। वहीं दूसरे स्थान पर रहे ज्योतिरादित्य को सिर्फ 4 लाख 88 हजार 500 वोट मिले। इस तरह सिंह ने ज्योतिरादित्य को कुल 1 लाख 25 हजार 549 वोटों से इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद ही करीब एक साल बाद मई 2020 में सिंधिया भाजपा में शामिल हो गए थे।