वीरांगना दुर्गावती बाघ अभयारण्य बना मप्र का सातवां टाइगर रिजर्व

वीरांगना दुर्गावती बाघ अभयारण्य बना मप्र का सातवां टाइगर रिजर्व

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  • Publish Date - September 23, 2023 / 01:37 PM IST,
    Updated On - September 23, 2023 / 01:37 PM IST

भोपाल, 23 सितंबर (भाषा) मध्य प्रदेश को बाघों के लिए एक नया संरक्षित क्षेत्र वीरांगना दुर्गावती अभयारण्य मिला है। देश में सबसे अधिक बाघों की संख्या मध्य प्रदेश में है। राज्य का यह सातवां बाघ अभयारण्य होगा।

मध्य प्रदेश ने 2022 की पशुगणना में राज्य के ‘बाघ स्टेट’ का दर्जा बरकरार रखा और प्रदेश में बाघों की संख्या 785 हो गई जो 2018 में 526 थी।

एक अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने वन पशुओं के संरक्षण को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से वीरांगना दुर्गावती बाघ अभयारण्य के तहत विभिन्न क्षेत्रों को अधिसूचित किया है।

अब तक, मध्य प्रदेश छह बाघ अभयारण्यों कान्हा, बांधवगढ़, सतपुड़ा, पेंच, पन्ना और संजय-डुबरी का घर था।

अधिकारी ने कहा कि केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना को मंजूरी देते समय केंद्र द्वारा लगाई गई शर्तों के अनुपालन में, सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिलों में फैले नए बाघ अभयारण्य को अधिसूचित किया गया है।

अधिकारी ने कहा कि वीरांगना दुर्गावती बाघ अभयारण्य मध्य प्रदेश का सातवां बाघ अभयारण्य बन गया है। इसमें लगभग 1,414 वर्ग किलोमीटर को कोर क्षेत्र में और 925.12 वर्ग किलोमीटर को बफर जोन में शामिल किया गया है।

अधिकारी ने कहा कि चूंकि इस बाघ अभयारण्य के अंतर्गत कोई नया राजस्व क्षेत्र शामिल नहीं किया गया है, इसलिए इसके आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों पर कोई अतिरिक्त प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। इस बाघ अभयारण्य सहित क्षेत्रों को पहले से ही अभयारण्य या पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्रों के रूप में अधिसूचित किया गया है।

इस साल जुलाई में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा जारी रिपोर्ट ‘स्टेटस ऑफ टाइगर्स: को-प्रीडेटर्स एंड प्रे इन इंडिया-2022’ के अनुसार, देश में बाघों की सबसे अधिक संख्या मध्य प्रदेश (785) में है। इसके बाद कर्नाटक (563) और उत्तराखंड (560) आते हैं।

भाषा दिमो शोभना

शोभना