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Vidisha News: विदिशा जिले के उदय नगर क्षेत्र से एक अनोखा मामला सामने आया है जिसमें फिर से पेट लवर का पेट के प्रति स्नेह दिया है। दरअसल, यहां रहने वाले ऊधम सिंह अहिरवार के घर एक फीमेल डॉग थी, जिसका नाम टफी था। टफी की मौत के बाद इस परिवार ने उसे अपनी किसी करीबी सदस्य की तरह विदाई दी। टफी के निधन पर उसके शव के लिए अर्थी बनाई गई और पूरे परिवार में गहरा शोक छाया हुआ है। खास बात यह है कि ऊधम सिंह के बड़े बेटे हेमंत, जो बेंगलुरु में रहते हैं, दो दिन बाद बाया रोड से कार लेकर टफी की अर्थी में शामिल होने विदिशा पहुंचे। टफी की मौत के बाद उसके शव को फ्रीजर में रखा गया था ताकि हेमंत भी अंतिम संस्कार में शामिल हो सके।
▶️थाना पहुंचा कुत्ते की मौत का मामला
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— IBC24 News (@IBC24News) September 29, 2025
Vidisha News: इस परिवार का टफी के प्रति प्रेम इतना गहरा था कि ऊधम सिंह की पत्नी लेखा और उनकी बेटी ऐश्वर्या चौधरी ने अपने हाथों पर टफी के नाम के टैटू और पंजा का निशान भी गुदवा लिया। टफी की मौत से पूरे परिवार का मनोबल टूट गया है और वे सदमे में हैं।
लेकिन टफी की मौत के बाद एक विवाद भी सामने आया जो अब पुलिस मामले में तब्दील हो गया है। टफी की अर्थी निकालते समय मोहल्ले की एक झांकी में बज रहे डीजे को लेकर विवाद हो गया। झांकी समिति के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि टफी की मौत से नाराज परिवार ने झांकी में लगे डीजे और लाइट की तोड़फोड़ की। इसके चलते मोहल्ले में कहासुनी और विवाद बढ़ गया और हिंदू सब समिति के पदाधिकारी और कार्यकर्ता थाने पहुंच गए।
Vidisha News: वहीं, टफी के मालिक और परिवार के लोग भी अपने पक्ष में कड़ी बात कर रहे हैं। उनका कहना है कि झांकी में बज रहे डीजे की तेज आवाज की वजह से टफी को हार्ट अटैक आया और इसी कारण उसकी मौत हुई। इसलिए वे इस मामले में न्याय चाहते हैं और डीजे बजाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
फिलहाल, दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग कर रहे हैं, जिससे मामला पुलिस तक पहुंच गया है। पुलिस ने इस विवाद की जांच शुरू कर दी है और जल्द ही उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।