आदिवासी समाज की हुंकार, 23 के चुनाव में आरपार ? आदिवासी समाज के चुनाव लड़ने के ऐलान से किसे फायदा किसे नुकसान?

Chhattigarh assembly election 2023: सर्व आदिवासी समाज के इस ऐलान से किसे फायदा होगा और किसे नुकसान.. ये बड़ा सवाल है.. क्या वाकई सर्व आदिवासी समाज तीसरा विकल्प बनेगा या फिर वो वोटकटवा दल बनकर रह जाएगा।

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  • Publish Date - May 5, 2023 / 11:38 PM IST,
    Updated On - May 5, 2023 / 11:38 PM IST

chhattigarh assembly election 2023

chhattigarh assembly election 2023: रायपुर। छत्तीसगढ़ में यूं तो कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी टक्कर होती रही है। लेकिन अब चुनावी अखाड़े में सर्व आदिवासी समाज ने भी दांव खेल दिया है। सर्व आदिवासी समाज के इस ऐलान से किसे फायदा होगा और किसे नुकसान.. ये बड़ा सवाल है.. क्या वाकई सर्व आदिवासी समाज तीसरा विकल्प बनेगा या फिर वो वोटकटवा दल बनकर रह जाएगा।

सर्व आदिवासी समाज ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी खड़ा करने का ऐलान कर दिया है। रायपुर में आदिवासी समाज के शीर्ष नेताओं की बैठक में इसको लेकर रणनीति तैयार की जा रही है। समाज के नेताओं का कहना है कि सरकार उनके मुद्दों को गंभीरता से नहीं लेती इसलिए अब चुनावी राजनीति में उतरने की जरूरत आ गई है।

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आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में आदिवासियों की आबादी करीब 80 लाख है.. यहां 29 विधानसभा सीटें ST के लिए आरक्षित हैं। इसके साथ ही 15-20 सीटों पर करीब 40% ST वोटर्स हैं। लिहाजा सूबे की सियासत में आदिवासी वोटर्स के बिना सत्ता की राह मुश्किल है। इसके बावजूद कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल सर्व आदिवासी समाज को चुनौती मानने से इंकार कर रहे हैं।
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ये बात भी गौर करने लायक है कि सर्व आदिवासी समाज ने भानुप्रतापपुर उपचुनाव में अकबर राम कोर्राम का समर्थन किया था और वे 16% मत के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे।इससे जाहिर है कि सर्व आदिवासी समाज.. आदिवासी बहुल इलाकों में बड़ा उलट-फेर कर सकता है। ऐसे में इस समाज को हल्के में लेना सियासी दलों के लिए भारी पड़ सकता है।