MP News | Photo Credit: IBC24
भोपाल: मध्यप्रदेश के 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण के मामले को लेकर एक बार फिर सूबे की सियासत गरमाई हुई है और कांग्रेस-बीजेपी के बीच खुद को ओबीसी का सच्चा रहनुमा बताने की जुबानी जंग जारी है। दरअसल, गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में एमपी सरकार के वकीलों ने बहस के लिए समय बढ़ाने की मांग की। जिसे स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 1 महीने के लिए सुनवाई टाल दी है और अब 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण को लेकर नवंबर के दूसरे हफ्ते में सुनवाई होगी। सुनवाई की तारीख बढ़ते ही कांग्रेस, बीजेपी सरकार पर हमलावर हो गई और आरोप लगाया कि सरकार की नीयत में खोट है, बीजेपी ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण नहीं देना चाहती है।
कांग्रेस ने जहां खुद को ओबीसी हितैषी बताते हुए सरकार पर आरोपों के बाण चलाए, तो बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि- मोहन सरकार, ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। कांग्रेस, ओबीसी के नाम पर सियासी रोटियां सेंक रही है।
कुलमिलाकर सुप्रीम कोर्ट में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण की सुनवाई की तारीख टलने के बाद सूबे का सियासी पारा चढ़ा हुआ है और सवाल भी उठे हैं। सवाल जो विपक्ष के हैं। सवाल जो आरोप की शक्ल में हैं और जाहिर तौर पर जिनके निशाने पर सरकार है।