Face To Face Madhya Pradesh: भितरघाती हो जाएं सावधान..चलने वाला है सफाई अभियान! क्या राहुल के दौरे के बाद भितरघातियों पर गाज गिरेगी? देखिए पूरी रिपार्ट

Face To Face Madhya Pradesh: भितरघाती हो जाएं सावधान..चलने वाला है सफाई अभियान! क्या राहुल के दौरे के बाद भितरघातियों पर गाज गिरेगी? देखिए पूरी रिपार्ट

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  • Publish Date - May 29, 2025 / 11:10 PM IST,
    Updated On - May 29, 2025 / 11:10 PM IST

Face To Face Madhya Pradesh | Photo Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • राहुल गांधी के दौरे से पहले ही एमपी कांग्रेस में सियासी गरमी
  • पटवारी बनाम क्षत्रपों की लड़ाई खुलकर सामने, संगठन में "ऑल इज वेल" नहीं

भोपाल: Face To Face Madhya Pradesh राहुल गांधी के मध्य प्रदेश दौरे की तैयारी चल रही है। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष भितरघातियों के सफाए के संकेत दे रहे हैं, इसके मायने क्या हैं? क्या भितरघातियों की पहचान हो चुकी है, क्या कांग्रेस वाकई शुद्धिकरण अभियान चलाने जा रही है और इसकी चपेट में कौन-कौन होंगे? क्या इस सफाई अभियान के बहाने पटवारी और सिंघार के बीच शक्तिप्रदर्शन का नया दौर शुरू होगा? सवाल ये भी कि इस मुहिम का फायदा कांग्रेस को मिलेगा या होगा बूमरेंग इफेक्ट?

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Face To Face Madhya Pradesh राहुल गांधी एमपी के दौरे पर आ रहे हैं। उसके पहले नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भितरघातियों का जिक्र कर कांग्रेस की सियासत को गरमा दिया है। उमंग सिंघार ने पीसीसी मुख्यालय में भितरघातियों का जिक्र उस वक्त किया जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पार्टी को जोड़ने के लिए महाकौशल के दौरे पर निकले हैं। ये बयान चर्चाओं में इसलिए भी है क्योंकि 3 जून को राहुल गांधी संगठन को खड़ा करने के मकसद से ही भोपाल आ रहे हैं, लेकिन सवाल तो ये भी है कि पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भितरघातियों की वजह से हुई करारी शिकस्त के बावजूद पार्टी में भितरघाती अब तक बचे कैसे हैं?

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कांग्रेस में इस वक्त भितरघातियों को लेकर सिरफुटव्वल के हालात हैं। ये बात आलाकमान भी जानता है। शायद इसिलए आलाकमान ने मध्यप्रदेश कांग्रेस को देश भर में सबसे कमज़ोर संगठन माना है। यही वजह है कि एमपी कांग्रेस के संगठन को संवारने का जिम्मा दिल्ली ने अब अपने कंधों पर लिया है। फिलहाल एआईसीसी ने एमपी में पट्ठावाद खत्म करने के लिए 50 निष्पक्ष ऑब्जर्वर नियुक्त किए हैं। जाहिर है बीजेपी कांग्रेस की खिंचाई के लिए मौके की तलाश में रहती है और राहुल के दौरे के पहले ये मौका खुद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने दिया है।

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फिलहाल ये बात सही है कि कांग्रेस में सब कुछ ऑल इज वेल नहीं है। खुद पीसीसी चीफ जीतू पटवारी की पटरी क्षत्रपों के साथ नहीं बैठ रही। उमंग सिंघार,अजय सिंह, अरुण यादव, कमलेश्वर पटेल सरीखे नेताओं ने खुलकर ये इशारा दे दिया है कि पटवारी की लीडरशिप उन्हें मंजूर नहीं।

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कांग्रेस में "भितरघाती" किसे कहा जा रहा है?

वे नेता या कार्यकर्ता जो पार्टी के आधिकारिक प्रत्याशियों के खिलाफ काम करते हैं या अंदर से पार्टी को नुकसान पहुंचाते हैं।

क्या कांग्रेस में भितरघातियों की पहचान हो चुकी है?

हालांकि नामों का खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन संगठन के भीतर इनके खिलाफ शिकायतें और फीडबैक जमा किया जा रहा है।

क्या कांग्रेस वाकई शुद्धिकरण अभियान चला रही है?

50 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति और आंतरिक समीक्षा से संकेत हैं कि पार्टी अब सख्त कदम उठा सकती है।